अभी के लिए उनका आवास पोलैंड की राजधानी में एक बड़ा सम्मेलन केंद्र है। सव्यिचकिना ने कहा कि उन्होंने मारियुपोल में नष्ट हुए घर की एक तस्वीर देखी। एक दूसरे देश में शरणार्थी शिविर के बिस्तर पर मौजूद 40 वर्षीय ये महिला अपने और अपने बच्चों की जिंदगी फिर से नए सिरे से शुरू करने पर विचार कर रही है।
सव्यिचकिना ने कहा, “हम यह तक नहीं जानते कि हम जा कहां रहे हैं, आगे क्या होने वाला है। मैं निश्चित रूप से घर जाना चाहूंगी। हो सकता है, यहां पोलैंड में मुझे आनंद आए।”
यूक्रेन में युद्ध शुरू हुए करीब आठ हफ्ते हो रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बुधवार को कहा कि 24 फरवरी को रूसी हमला शुरू होने के बाद से अब तक 50 लाख से ज्यादा यूक्रेनी लोग पलायन कर चुके हैं। यूएनएचसीआर ने 30 मार्च को कहा था कि 40 लाख लोग यूक्रेन से भाग गए हैं। ये जिनेवा स्थित यूएनएचसीआर द्वारा अनुमानित पलायन से कहीं ज्यादा है।
यूक्रेन में युद्ध पूर्व जनसंख्या 4.4 करोड़ है और शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने कहा कि यूक्रेन के अंदर 70 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं और बुधवार तक 50 लाख 30 हजार लोग देश छोड़ चुके थे।
एजेंसी के मुताबिक 1.30 करोड़ लोगों के यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे होने की उम्मीद है।
यूएनएचसीआर की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया, “हमने देखा है कि यूक्रेन की लगभग एक चौथाई आबादी, कुल मिलाकर 1.2 करोड़ से अधिक लोगों को अपने घरों से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया है, इसलिए यह लोगों की एक चौंका देने वाली संख्या है।”
इन लोगों में से आधे से अधिक, करीब 28 लाख सबसे पहले पोलैंड भाग गए। उनमें से बहुत से लोग हालांकि वहां रुके हैं, लेकिन काफी लोगों के वहां से आगे चले जाने की सूचना है। सव्यिचकिना भी अपनी बेटियों को जर्मनी ले जाने पर विचार कर रही है।
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