नयी दिल्ली, 4 मार्च विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारतीय छात्रों के लिए एक ही समय में अलग अलग डिग्री या दो डिग्रियां एक साथ हासिल करने की व्यवस्था के संबंध में भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग से जुड़े विनियमन के मसौदे पर 15 मार्च तक सुझाव मांगा है ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह जानकारी देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत की गई इस व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से शिक्षा मंत्रालय को सक्षम बनाने के लिये शिक्षाविदों और अन्य सभी हितधारकों और जनता से इस पर सुझाव मांगे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को क्रियान्वित करने के लिए कई तरह की पहल कर रही है ।
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, बजट 2021 में घोषणा के अनुसार भारतीय छात्रों के लिए एक साथ अलग अलग डिग्री या दो डिग्रियां तथा संयुक्त शिक्षण कार्यक्रम की सुविधा की अनुमति देने के लिए एक सक्षम विनियामक तंत्र का प्रस्ताव किया गया है । यूजीसी ने इसके अनुरूप ऐसी डिग्रियों की व्यवस्था के लिए देशी और विदेशी संस्थाओं के बीच अकादमिक सहयोग से संबधित नियमन 2021 की पेशकश की है।
ये नियम भारत के उन उच्च शिक्षा संस्थानों पर लागू होंगे जो स्नातकोत्तर और डाक्टरेट कार्यक्रमों सहित डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए विदेशों के अग्रणी शिक्षा संस्थानों के साथ सहयोग करने के इच्छुक हैं। इसी तरह ये नियम उन विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों पर भी लागू होंगे जो भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ ऐसा सहयोग करने की इच्छा रखते हैं।
मंत्रालय के ब्यौरे के अनुसार, इन विनियमों के तहत भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग से क्रेडिट मान्यता और स्थानांतरण, संयुक्त कार्यक्रम, संयुक्त डिग्री और दोहरी डिग्री प्रदान करने की सुविधा होगी।
दीपक
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