देश की खबरें | उद्धव ने स्वास्थ्य ढांचा मजबूत करने पर कार्य बल के साथ चर्चा की

मुंबई, 11 अप्रैल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने, बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और अन्य मेडिकल सुविधाओं पर रविवार को राज्य कोविड-19 कार्य बल के सदस्यों के साथ एक बैठक में चर्चा की।

इसके अलावा, उन्होंने राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता पर भी चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन लागू करके एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि परामर्श करने के बाद एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि ठाकरे ने कहा कि वह एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महाराष्ट्र को कोविड-19 रोधी टीके की अतिरिक्त खुराक उपलब्ध कराने का अनुरोध करेंगे।

उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले संक्रमित व्यक्ति शेष लोगों में संक्रमण फैला रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अनावश्यक रूप से लापरवाह लोग अन्य की जान खतरे में डाल रहे हैं। ’’

ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में कुछ समय के लिए कठोर प्रतिबंध लगाये जाने की जरूरत है।

कार्य बल के सदस्यों ने गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक से अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने की मांग की।

बैठक में इस पर भी चर्चा हुई कि रेमडेसिविर दवा के अतार्किक उपयोग को कैसे रोका जाए, जिसकी कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए काफी मांग है।

बयान में कहा गया है कि राज्य में 95 प्रतिशत मरीजों को घर पर पृथक-वास में उपयुक्त उपचार मिल सकता है, इसलिए सिर्फ गंभीर मरीजों को ही अस्पतालों में बिस्तर मिले।

कार्य बल के सदस्यों ने सुझाव दिया कि हाउसिंग सोसाइटी ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ अस्थायी तौर पर पृथक कक्ष तैयार रखें।

विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया कि अस्पतालों के बिस्तरों का प्रबंधन स्थानीय निकायों द्वारा किया जाए और चिकित्सकों को मरीज को छह मिनट चलाने के बाद अस्पताल में उसे भर्ती करने के बारे में फैसला करना चाहिए।

विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया कि एमबीबीएस के तीसरे वर्ष के छात्रों और आयुष चिकित्सकों को भी कोविड ड्यूटी में शामिल होने के लिए कहना चाहिए।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य सचिव प्रदीप व्यास ने कहा कि राज्य में चार अप्रैल से 10 अप्रैल के बीच कोविड-19 के चार लाख नये मामले सामने आये, जबकि 1982 मरीजों की मौत हो गई।

बैठक में बताया गया कि महाराष्ट्र में अभी 75 प्रतिशत आईसीयू बिस्तर पर मरीज हैं। राज्य में ऑक्सीजन सुविधा से लैस 40 प्रतिशत बिस्तर पर मरीज हैं। 11 से 12 जिलों में एक भी बिस्तर नहीं है।

व्यास ने बताया कि नंदूरबार में एक रेलवे बोगी को पृथक-वास में तब्दील किया गया है।

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