देश की खबरें | बिटकॉइन में निवेश पर उच्च रिटर्न का झांसा देकर लोगों को ठगने के आरोप में दो युवक गिरफ्तार

नयी दिल्ली, 25 मार्च बिटकॉइन में निवेश पर उच्च रिटर्न का झांसा देकर लोगों को ठगने के आरोप में दिल्ली में दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान रोहिणी निवासी जतिन कुमार ढाल (28) और नोएडा एक्सटेंशन में रहने वाले अंशुल अरोड़ा (33) के रूप में की गई है।

अधिकारियों के मुताबिक, जतिन और अंशुल एक टेलीग्राम ग्रुप के जरिये एक-दूसरे के संपर्क में आए थे।

उन्होंने बताया कि एक निजी बैंक के धन प्रबंधक (वेल्थ मैनेजर) ने शिकायत दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सितंबर 2022 में एक अज्ञात व्यक्ति ने उससे इंस्टाग्राम पर संपर्क किया था और उच्च रिटर्न का झांसा देकर बिटकॉइन में निवेश करने को कहा था।

अधिकारियों के अनुसार, शिकायकर्ता ने दावा किया कि उसने तीन घंटे में ढाई लाख रुपये का रिटर्न मिलने के आश्वासन पर 90 हजार रुपये स्थानांतरित कर दिए।

उन्होंने शिकायत के हवाले से कहा कि जब शिकायतकर्ता को पैसे नहीं मिले और उसने उक्त व्यक्ति से रिटर्न के बारे में पूछा, तो उसने और राशि निवेश करने का आग्रह किया।

अधिकारियों के मुताबिक, इसके बाद शिकायकर्ता को उक्त व्यक्ति पर संदेह हुआ और वह पुलिस के पास पहुंचा।

उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए दिल्ली के उत्तरी जिले के साइबर पुलिस थाने के प्रभारी पवन तोमर के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें अधीक्षक संदीप श्रीवास्तव और कॉन्सटेबल गीता शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार, जांच के दौरान पता चला कि ठगी की राशि रोहिणी इलाके में रहने वाले एक जौहरी के बैंक खाते में जमा कराई गई थी।

उन्होंने बताया कि जौहरी से पूछताछ से खुलासा हुआ कि ढाल ने अंगुठी खरीदने के लिए यह राशि उसके बैंक खाते में जमा कराई थी।

पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी के मुताबिक, जौहरी से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस रोहिणी सेक्टर-31 स्थित ढाल के ठिकाने पर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।

कलसी ने बताया कि पूछताछ में ढाल ने खुलासा किया कि वह अपने सहयोगी अंशुल अरोड़ा के साथ मिलकर फर्जी इंस्टाग्राम खातों के जरिये लोगों से संपर्क करता था और उन्हें बिटकाइन में उच्च रिटर्न का झांसा देकर ठगता था।

कलसी के अनुसार, ढाल की निशानदेही पर अरोड़ा के घर पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, उन्होंने बताया कि छापेमारी से पहले अरोड़ा ने अपना मोबाइल फोन जला दिया था, जिसमें उसके खिलाफ कुछ सबूत थे।

अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस ने अरोड़ा का जला हुआ फोन भी जब्त कर लिया है और उससे सबूत हासिल करने के लिए उसे फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है।

अधिकारियों ने बताया कि जांच में यह भी पता चला है कि अरोड़ा टेलीग्राम ग्रुप के जरिये फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों की व्यवस्था करता था। उन्होंने बताया कि आरोपी के छह स्मार्टफोन और एक कार जब्त की गई है।

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