श्रीनगर, 12 अक्टूबर श्रीनगर के ओल्ड बरजुल्ला इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में सोमवार को लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए। उनमें से एक पाकिस्तानी आतंकवादी था, जो हाल में सुरक्षा बलों पर हुए कई हमलों में शामिल था।
पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सोमवार तड़के शहर के ओल्ड बरजुल्ला इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।
उन्होंने कहा कि सुबह करीब पौने आठ बजे जब तलाशी अभियान चल रहा था, तभी आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
यह भी पढ़े | CM Chang Passes Away: नागालैंड सरकार में मंत्री सीएम चांग का निधन, 78 साल की उम्र में ली अंतिम सांस.
अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई।
अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी में दो आतंकवादियों को मार गिराया गया।
पुलिस महानिरीक्षक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बताया कि मारे गए दो आतंकवादियों में से एक पाकिस्तानी और लश्कर का शीर्ष कमांडर था, जिसका नाम सैफुल्ला है। वह हाल में श्रीनगर और उसके आसपास सुरक्षा बलों पर हुए कई हमलों में शामिल था।
सिंह ने यहां पुलिस नियंत्रण कक्ष में संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सैफुल्ला नाम का एक आतंकवादी अभियान में मारा गया है, जो पाकिस्तानी और लश्कर का शीर्ष कमांडर था। वह नौगाम, चदूरा और कंदीजाल में सुरक्षा बलों पर तीन बड़े हमलों में शामिल था।"
उन्होंने कहा कि इस साल अब तक श्रीनगर शहर में आठ मुठभेड़ हुयी है, जिनमें 18 आतंकवादी मारे गए हैं।
डीजीपी ने कहा कि कुल मिलाकर इस साल अब तक आतंकवाद विरोधी 75 सफल अभियान चलाए गए हैं जिनमें 180 आतंकवादी मारे गए हैं। इस साल 138 आतंकवादी और उनके साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है। अभियान की उपलब्धियों के संदर्भ में यह पिछले वर्ष की तुलना में एक प्रकार का रिकॉर्ड है। मारे गए और गिरफ्तार आतंकवादियों, दोनों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ज्यादा है।
केंद्रशासित प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने कहा कि इस वर्ष आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए सभी अभियान पेशेवर तरीके से संचालित किए गए।
सिंह ने कहा, "बटमालू श्रीनगर के एक अभियान को छोड़कर, जिसमें दोनों ओर से हुयी गोलीबारी में दुर्भाग्यवश एक महिला की मौत हो गई, सभी अभियानों को सुरक्षाबलों ने बड़ी सफाई से अंजाम दिया।"
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस साल, जम्मू-कश्मीर के 19 पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी जबकि सीआरपीएफ के 21 और सेना के 15 जवानों की मौत हो गयी। उनमें से अधिकतर जवान नियंत्रण रेखा पर शहीद हुए।
यह पूछे जाने पर कि क्या लश्कर और अन्य संगठन फिर से श्रीनगर शहर में अपना पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे, डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा बल प्रभावी खुफिया नेटवर्क के कारण आतंकवादियों पर नजर रखने में सक्षम हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ लश्कर और सभी संगठन, नगर में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारा खुफिया नेटवर्क काफी अच्छा और प्रभावी है। इस प्रभावी नेटवर्क की वजह से हमारे जवान उनका पता लगाने में सक्षम हैं।’’
उन्होंने कहा कि अभी केवल एक आतंकवादी शहर में सक्रिय है और वह सुरक्षा बलों पर कुछ हमलों में शामिल रहा है।
डीजीपी ने कहा, "हम उसकी तलाश कर रहे हैं और बहुत जल्द उसे न्याय की जद में लाएंगे।’’
घाटी में अब तक आतंकवाद से अलग होने वाले युवाओं की संख्या के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि 26 ऐसे युवाओं को उनके माता-पिता और पुलिस की मदद से वापस लाया गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)