Manipur Violence: मणिपुर में ताजा हिंसा में दो घरों में आग लगाई गई, पूर्व विधायक समेत तीन गिरफ्तार
मणिपुर के पूर्वी इंफाल जिले में एक पूर्व विधायक समेत हथियारबंद चार लोगों ने सोमवार को लोगों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए बाध्य किया, जिसके बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी और भीड़ ने दो घरों में आग लगा दी. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
इंफाल, 22 मई: मणिपुर के पूर्वी इंफाल जिले में एक पूर्व विधायक समेत हथियारबंद चार लोगों ने सोमवार को लोगों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए बाध्य किया, जिसके बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी और भीड़ ने दो घरों में आग लगा दी. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. हालांकि, आगजनी की इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. खाली पड़े मकानों का उपयोग लोगों को किराये का आवास उपलब्ध कराने के लिए किया जाता था. यह भी पढ़ें: Thane Fire: ठाणे के शिवाजी नगर में आग लगने से 4 लोग गंभीर रूप से घायल, आग बुझाने के प्रयास जारी
भीड़ ने एक बदमाश की पिटाई भी की, जबकि अन्य भागने में सफल रहे. तीन लोगों को बाद में हिरासत में ले लिया गया. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में से एक पूर्वोत्तर राज्य का पूर्व विधायक है. राज्य में मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच तीन मई से हिंसा की खबरें आ रही हैं.
हालांकि, उन्होंने पूर्व विधायक की पहचान नहीं बताई. क्षेत्र में तैनात सेना के जवान घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और आंसूगैस के गोले दागे जिससे कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं. स्थानीय लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर इस घटना का विरोध किया. पूर्वी इंफाल जिले में पहले कर्फ्यू में ढील दी गई थी लेकिन इस घटना के बाद उसे कड़ा कर दिया गया.
सेना के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने कहा, ‘‘चार हथियारबंद लोगों ने न्यू चेकोन इलाके में दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करने की धमकी दी और बाद में इंफाल पूर्वी जिले के न्यू लैंबुलाने इलाके में चले गए. उनमें से तीन के पास से बंदूकें बरामद हुई हैं. उन्हें पुलिस को सौंप दिया गया.’’
देर शाम आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री ने लोगों से निर्दोषों के घरों में आग नहीं लगाने की अपील की.
उन्होंने कहा, ‘‘हम अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे... हमने केंद्रीय बलों से सुरक्षाकर्मियों की 20 और कंपनियां मंगाने का भी फैसला किया है.’’ राज्य में वर्तमान में सेना और असम राइफल्स के करीब 10,000 जवान तैनात हैं. सुरक्षा बल ड्रोन और चीता हेलीकॉप्टरों से हवाई निगरानी कर रहे हैं.
राज्य के अंदर और बाहर सोशल मीडिया पर नफरत और दुश्मनी फैलाने वालों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और उन्हें दंडित किया जाएगा.
राज्य में हिंसा शुरू होने के बाद से इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. आरोप है कि राज्य के बाहर रहने वाले मैतेई और कुकी समुदाय के लोग अपने-अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए नफरत फैला रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें स्थिति सामान्य करने और शांति बहाल करने के लिए एक साथ बैठकर बातचीत करने की जरूरत है.’’
जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि रविवार और सोमवार की रात एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया जिसने इंफाल पश्चिम जिले के एक गांव में कथित रूप से तीन लोगों को गोली मारकर घायल कर दिया था. अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को कई जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था जिसके बाद मणिपुर में झड़पें हुईं.
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