देश की खबरें | इंदौर में 36 लोगों की जान लेने वाले मंदिर हादसे के साल भर बाद दो आरोपी गिरफ्तार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. इंदौर की एक पुरानी बावड़ी के ऊपर अवैध रूप से बने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में साल भर पहले हुए भीषण हादसे के मामले के दो आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इंदौर (मध्यप्रदेश), 22 मार्च इंदौर की एक पुरानी बावड़ी के ऊपर अवैध रूप से बने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में साल भर पहले हुए भीषण हादसे के मामले के दो आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मंदिर में हुए हादसे में 36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी जिनमें दो बच्चे और 21 महिलाएं शामिल थीं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस हादसे के मामले में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी को भारतीय दंड विधान की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ऋषिकेश मीणा ने बताया कि मामले में पुलिस की छानबीन जारी है और मजिस्ट्रेटी जांच के बिंदुओं को भी तहकीकात में शामिल किया जाएगा।
मंदिर हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच में दोषी नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा अब तक कोई कार्रवाई न किए जाने के बारे में पूछे जाने पर डीसीपी ने कहा, ‘‘हमने संबंधित विभागों को पत्र लिखकर उनसे कुछ जानकारी मांगी है। यह जानकारी मिलने के बाद सबूतों के आधार पर निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।’’
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में पिछले साल रामनवमी पर हुए भीषण हादसे की अधूरी जांच को लेकर 19 जनवरी को गहरी नाराजगी जताई थी। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया था कि यह जांच हादसे की पहली बरसी से पहले खत्म की जाए।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर का फर्श 30 मार्च 2023 को रामनवमी के हवन-पूजन के दौरान इस तरह धंसा कि बावड़ी में गिरकर 36 लोगों की जान चली गई थी।
प्रशासन ने हादसे के चार दिन बाद, तीन अप्रैल 2023 को बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्तियां अन्य देवस्थान में पहुंचा दी थीं। इसके बाद आम लोगों की सुरक्षा का हवाला देते हुए बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर को ढहा दिया था। इसके साथ ही, भीषण हादसे की गवाह रही बावड़ी को मलबा डालकर हमेशा के लिए बंद कर दिया गया था।
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