नयी दिल्ली, 2 अगस्त : तृणमूल कांग्रेस के एक राज्यसभा सदस्य ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के विभाजन के एक प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि यदि वह सही मायने में उत्तर बंगाल का विकास चाहती है तो उसे इस क्षेत्र के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए. उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के समीरूल इस्लाम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद व मंत्री बंगाल के विभाजन की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसका पुरजोर विरोध करता हूं. भारत सरकार के मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर कहा है कि उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) के अंतर्गत शामिल किया जाए. मूल रूप से बंगाल के विभाजन की बात की जा रही है.’’
इस्लाम ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के विकास के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और वह आगे भी ऐसा करेंगी लेकिन केंद्र सरकार की ओर से उत्तर बंगाल का विकास तो दूर, इस इलाके के लिए आम बजट में कोई प्रावधान तक नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार सही मायने में उत्तर बंगाल का विकास करना चाहती तो उसने पश्चिम बंगाल सरकार को इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई विशेष पैकेज दिया होता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार से मैं उत्तर बंगाल के लोगों के विकास के लिए अलग से एक विशेष पैकेज की मांग करता हूं. जो लोग विभाजन करने की साजिश रच रहे हैं, वह इसे बंद करें... पूरी ताकत लगाकर भी आप बंगाल का विभाजन नहीं कर सकते.’’ केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उत्तर पश्चिम बंगाल को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) के अंतर्गत शामिल करने का प्रस्ताव रखा था. यह भी पढ़ें : न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड योजना की एसआईटी जांच को लेकर याचिकाएं खारिज कीं
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री मजूमदार ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और प्रस्ताव दिया कि पश्चिम बंगाल का हिस्सा होते हुए भी उत्तर बंगाल पूर्वोत्तर के साथ समानताएं साझा करता है इसलिए इसे मंत्रालय के तहत पूर्वोत्तर में शामिल किया जा सकता है. उच्च सदन में इस्लाम जब अपनी बात रख रहे थे तब पश्चिम बंगाल से भाजपा के कुछ सदस्य उनकी बातों का विरोध कर रहे थे. इस दौरान सदन में शोरगुल भी हुआ. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर आपत्ति जताई तथा हंगामा कर रहे सदस्यों को सदन से निष्कासित करने की मांग की. अपनी बात सदन में रखने के दौरान इस्लाम ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार राज्य के गरीबों के कर के एक लाख 71 हजार करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल सरकार को दे नहीं रही है और उसके लिए उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल का विकास कोई मायने नहीं रखता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी हार के बाद यह सरकार बार-बार बंगाल के लोगों से ‘प्रतिशोध’ लेना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार कभी बंगाल के विभाजन का प्रयास करती है तो कभी लोगों को आपस में लड़ाने का प्रयास करती है. यह सरकार विभाजन करने वाली सरकार है. हमें ध्यान रखना होगा कि विभाजन की राजनीति से कभी किसी देश या मनुष्य का भला नहीं हुआ है और ना होगा.’’ इस्लाम ने यह भी कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने चुनाव के दौरान बंगाल में कहा था कि वह पश्चिम बंगाल से बहुत प्रेम करते हैं और अगले जन्म में वह बंगाल में पैदा होना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि वह बंगाल से इतना ही प्रेम करते हैं तो बंगाल के हक के पैसे उसे क्यों नहीं दे रहे हैं? यह मैं प्रधानमंत्री से जानना चाहता हूं.