बांग्लादेश में कुछ महीने पहले हुए प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की मौत के बाद हसीना और उनके सहयोगियों पर मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप लगे।
तीन सदस्यीय ‘इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल’ के प्रमुख न्यायाधीश गुलाम मुर्तजा मजूमदार ने जांचकर्ताओं के लिए उनका काम पूरा करने की तारीख 17 दिसंबर तय की है।
न्यायाधिकरण ने सोमवार को पुलिस से इस बारे में जानकारी ली कि देश की सुरक्षा एजेंसियों ने हसीना और उनके करीबी लोगों को गिरफ्तार करने के लिए क्या किया है। अभियोजकों ने जांच के लिए और समय मांगा था।
हसीना यहां छात्रों की अगुवाई में हुए प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश छोड़कर पांच अगस्त को भारत पहुंच गई थीं और तभी से वहां निर्वासन में रह रही हैं।
ढाका स्थित ‘इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल’ ने 17 अक्टूबर को हसीना और 45 अन्य लोगों के लिए वारंट जारी किया था जिनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री, सलाहकार और सैन्य एवं प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। देश में इस समय अंतरिम सरकार है जिसके प्रमुख नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस हैं।
न्यायाधिकरण में अभियोजक बी एम सुल्तान महमूद के अनुसार सोमवार को न्यायाधिकरण के समक्ष कम से कम 13 लोग पेश हुए जिनमें एक पूर्व विधि मंत्री और हसीना के निजी क्षेत्र के एक सलाहकार और कारोबारी शामिल हैं।
एक पूर्व कैबिनेट मंत्री को न्यायाधिकरण के समक्ष पेश नहीं किया गया क्योंकि वह एक अलग मामले में पूछताछ के लिए पुलिस की हिरासत में हैं। न्यायाधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि बाकी छह लोग बुधवार को पेश होंगे। मामले में कम से कम 20 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक ने हसीना की गिरफ्तारी के लिए देश के पुलिस प्रमुख के माध्यम से इंटरपोल से मदद मांगी है। यूनुस ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा था कि उनका प्रशासन भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेगा।
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