महाराष्ट्र: पांच लोगों की जान लेने वाले बाघ की नागपुर में मौत, वजहों का पता नहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
ताडोबा अंधेरी रिजर्व (टीएटीआर) में और उसके आसपास अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की जान लेने वाले बाघ की सोमवार को मौत हो गई.
मुंबई: ताडोबा अंधेरी रिजर्व (Tadoba-Andhari Tiger Reserve) में और उसके आसपास अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की जान लेने वाले बाघ की सोमवार को मौत हो गई. वन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. के टी-1 (KT-1 Tiger) नामक बाघ को 10 जून को पकड़ा गया था और यहां गोरेवाड़ा बचाव केंद्र (Gorewada Wildlife Rescue Centre) में स्थानांतरित कर दिया गया था. अधिकारी ने बताया कि चंद्रपुर जिले में टीएटीआर के भीतर और आसपास घूमने वाले बाघ को बेहोश कर कोलारा वन रेंज के पास पकड़ा गया था.
उन्होंने कहा कि बाघ ने कोलारा, बमनगांव और सतारा जिले में फरवरी और जून के बीच पांच लोगों को मार डाला था. जिस घटना के बाद वाघ को गोरेवाड़ा बचाव केंद्र लाया गया था. लेकिन उसे बचाव केंद्र में मौत पाया गया है. हालांकि वाघ कीम मौत की हुई हैं. अब तक वजहों का पता नहीं चल पाया है. वहीं पूरी तरह से स्वस्थ्य दिखने वाले इस बाघ की आखिर मौत कैसे हुई लोग सवाल कर रहा है और जानना चाहता है कि वाघ की मौत की हुई. यह भी पढ़े : गुजरात: गिर में 23 शेरों की मौत पर अहमद पटेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, राज्य सरकार पर लगाया कुप्रबंधन का आरोप
नागपुर में वाघ के मौत:
वहीं बाघ की मौत को लेकर गोरेवाड़ा परियोजना के मंडल प्रबंधक ने कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. जिसके बाद ही पता चल पाएगा कि बाघ की मौत कैसे हुई है. फिलहाल उन्हें पोस्टमार्टम का इंतजार है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)