मुंबई, 11 सितंबर अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को कहा कि अमेरिका भारत के साथ रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने और ‘हमेशा के लिए सबसे अच्छा दोस्त’ बनाने को इच्छुक है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन होने से दोनों देशों के बीच संबंधों में कोई बदलाव नहीं आएगा।
चीन का नाम लिए बिना, गार्सेटी ने कहा कि अगर भारत को ‘क्षेत्र के प्रतिस्पर्धी’ देशों से मुकाबला करना है, तो उसे एक देश पर निर्भरता को कम करनी होगी। उन्होंने कहा कि एक देश पर अधिक निर्भरता न केवल सुरक्षा के लिहाज से बल्कि आर्थिक नजरिये से भी जोखिम भरा है।
यहां मिल्केन इंस्टिट्यूट के कार्यक्रम में राजदूत ने अमेरिकी उद्योगपतियों से अपने लाभ के लिए देश में और अधिक निवेश करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अमेरिका और भारत के बीच बीएफएफ (हमेशा के लिए सबसे अच्छे दोस्त) संबंध बनाना चाहते हैं।’’
अमेरिकी राजदूत ने यह भी कहा कि निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में इस साल चुनाव होने हैं। हमारे पास एक नया राष्ट्रपति होगा, लेकिन एक चीज नहीं बदलेगी। वह है, भारत के साथ अमेरिका का रिश्ता और दोस्ती।’’
गार्सेटी ने हालांकि भारत के लिए कुछ सलाह भी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत को अपनी पूर्ण विकास क्षमता तक पहुंचने और क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों के साथ मुकाबला करने के लिए कई चीजें करने की जरूरत है।’’
राजदूत ने कहा, ‘‘अगर हम किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भर हैं, तो हमें सुरक्षा जोखिम के साथ आर्थिक जोखिम का भी सामना करना पड़ सकता है।’’
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