देश की खबरें | टीके को लेकर ‘एक राष्ट्र, एक कीमत’ की व्यवस्था हो: कांग्रेस
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की ओर से राज्यों एवं निजी अस्पतालों के लिए कोरोना रोधी टीके का मूल्य निर्धारित किए जाने के बाद बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक ‘घटिया’ कदम है तथा पूरे देश में टीके की एक कीमत तय होनी चाहिए।
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल कांग्रेस ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की ओर से राज्यों एवं निजी अस्पतालों के लिए कोरोना रोधी टीके का मूल्य निर्धारित किए जाने के बाद बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक ‘घटिया’ कदम है तथा पूरे देश में टीके की एक कीमत तय होनी चाहिए।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश की आपदा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मित्रों’ को अवसर मिल गया है।
उन्होंने सीरम इंस्टीट्यूट के एक बयान को साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘आपदा देश की, अवसर मोदी मित्रों का, अन्याय केंद्र सरकार का!’’
गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों के लिए 400 रुपये प्रति खुराक तथा निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक होगी।
एसआईआई ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा कि अगले दो महीनों में वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यह सवाल भी किया कि टीके के लिए 400 रुपये का भुगतान राज्य सरकारें करेंगी या फिर लाभार्थी करेंगे?
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि अंदेशा था, कोविशील्ड टीके की कीमत सरकारी अस्पतालों के लिए 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये तय कर दी गई है। सरकारी अस्पतालों में 400 रुपये कौन अदा करेगा? राज्य सरकार या फिर लाभार्थी?’’
उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘18 से 44 साल के आयुवर्ग के कितने लोग प्रति खुराक 400 रुपये दे सकेंगे? क्या लाभार्थी पर कीमत का बोझ डाला जाएगा? कितने राज्य टीके की कीमत का भुगतान करेंगे और क्या लोगों को सब्सिडी दी जाएगी?’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘केंद्र सरकार को कोविशील्ड की प्रति खुराक 150 रुपये की मिलती रहेगी। अब राज्यों से इसके लिए 400 रुपये लिया जाएगा। यह सहकारी संघवाद नहीं है। यह पहले से ही संकट का सामना कर रहे राज्य सरकारों के खजाने पर और बोझ डालेगा। यह घटिया कदम है।’’
उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया, ‘‘ हम ‘एक राष्ट्र, एक कीमत’ की मांग करते हैं।’’
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