सत्तापक्ष व प्रतिपक्ष की विचारधाराओं में अंतर हो सकता हैं, मगर वैमनस्य नहीं होना चाहिए: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल के संयुक्त्त सत्र को संबोधित करते हुए यहां सोमवार को कहा कि लोकतंत्र में सत्तापक्ष एवं प्रतिपक्ष की विचारधाराओं में अंतर हो सकता है, परंतु दोनों पक्षों में वैमनस्य नहीं होना चाहिए.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Photo Credits ANI)

लखनऊ, 6 जून : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल के संयुक्त्त सत्र को संबोधित करते हुए यहां सोमवार को कहा कि लोकतंत्र में सत्तापक्ष एवं प्रतिपक्ष की विचारधाराओं में अंतर हो सकता है, परंतु दोनों पक्षों में वैमनस्य नहीं होना चाहिए. कोविंद ने कहा कि प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष का कर्तव्य है. उन्होंने दोनों सदनों के सदस्यों से कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश विधानमंडल में सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के बीच गरिमापूर्ण सौहार्द का गौरवशाली इतिहास रहा है. हालांकि इस समृद्ध परंपरा के विपरीत कभी-कभार जो अमर्यादित घटनाएं हुई हैं, उन्हें अपवाद के रूप में भुलाने का प्रयास करते हुए आप सबको उत्तर प्रदेश की स्वस्थ राजनीतिक परंपरा को और मजबूत बनाना है. लोकतंत्र में सत्तापक्ष तथा प्रतिपक्ष की विचारधाराओं में अंतर हो सकता हैं, परंतु दोनों पक्षों में वैमनस्य नहीं होना चाहिए.''

कोविंद ने कहा, ‘‘प्रदेश की जनता को आप सबसे बहुत सी उम्मीदें और अपेक्षायें हैं. उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही आपका सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य हैं और आपकी जनसेवा के दायरे में सभी नागरिक शामिल हैं, भले ही उन्होंने आपको वोट दिया हो या न दिया हो.’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि आप सबके अथक परिश्रम से उत्तर प्रदेश शीघ्र ही हर तरह से उत्तम प्रदेश बनेगा’’ उन्होंने कहा कि जब देश का सबसे बड़ा राज्य प्रगति के उत्तम मानकों को हासिल करेगा, तो स्वत: ही पूरे देश के विकास को संबल प्राप्त होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि आज से 25 वर्ष बाद, जब देशवासी आजादी की शताब्दी का उत्सव मना रहे होंगे, तब उत्तर प्रदेश विकास के मानकों पर भारत के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित हो चुका होगा और देश विश्व समुदाय में विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा. यह भी पढ़ें : UP Lok Sabha By-Election: आजम खान का ऐलान, रामपुर से सपा ने आसिम राजा को बनाया उम्मीदवार

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में महिला सदस्यों की 47 है, जो सदस्यों की कुल संख्या यानी 403 का 12 प्रतिशत है. वहीं, विधान परिषद में कुल 100 सदस्यों में महिलाओं की संख्या सिर्फ पांच है, जिसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है.’’ इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह, विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औकर विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव समेत सदन के सदस्य शामिल हुए.

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