देश की खबरें | हर जिले में कोविड-19 जांच केंद्र स्थापित करने की जरुरत नहीं: महाराष्ट्र सरकार ने अदालत से कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को बम्बई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि हर जिले में कोविड-19 जांच केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इसका प्रकोप काफी हद तक शहरी या अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित है।
मुंबई, दो जून महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को बम्बई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि हर जिले में कोविड-19 जांच केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इसका प्रकोप काफी हद तक शहरी या अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित है।
सरकार ने अदालत को बताया कि इसके अलावा, कई जिलों के अस्पतालों को कोरोना वायरस जांच प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए तेजी से उन्नत नहीं किया जा सकता है।
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खलील वास्ता द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक ने अदालत को यह बताया।
वास्ता ने अपनी याचिका अदालत से सरकार को रत्नागिरी जैसे गैर-रेड जोन जिलों में कोविड-19 की जांच के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित करने के वास्ते निर्देश देने का अनुरोध किया है।
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सरकार के हलफनामे में कहा गया है, ‘‘कोविड-19 का प्रकोप काफी हद तक शहरी और अर्ध-शहरी स्थानों पर केंद्रित है, जहां जांच सुविधाओं को आवश्यकताओं और संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार बढ़ाया जाता है।’’
हलफनामे में कहा गया, ‘‘जांच केंद्रों की अनुपलब्धता नागरिकों के हित को तब तक प्रभावित नहीं करती है, यदि हर इलाके में तर्कसंगत दूरी पर पर्याप्त संख्या में नमूना संग्रह केंद्र स्थापित हैं।
जवाब में कहा गया कि राज्य सरकार उन जगहों पर जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां यह सबसे अधिक जरूरी है।
उसमें कहा गया कि कोविड-19 परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना एक अति विशिष्ट कार्य है जिसे सावधानीपूर्वक करने की आवश्यकता होती है।
हलफनामे में कहा गया है कि जिस स्थान पर संदिग्ध नमूनों का परीक्षण किया जाना है, वह बहुत सुरक्षित और बिल्कुल बंद और सुरक्षित स्थान होना चाहिए, ताकि किसी भी व्यक्ति के नमूनों के संपर्क में आने व संक्रमित होने की आशंका न रहे।
सरकार ने कहा कि प्रयोगशालाओं को न केवल परिष्कृत व आधुनिक मशीनरी की आवश्यकता है, बल्कि उच्च प्रशिक्षित श्रमशक्ति की भी आवश्यकता होती है।
बयान में कहा गया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के दिशानिर्देशों के अनुसार, कोविड-19 जांच केंद्र को ऐसे जिले में स्थापित किया जाना चाहिए, जहां रोगियों की संख्या में प्रति दिन न्यूनतम 100 की वृद्धि हो रही है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 5 जून को निर्धारित किया है।
सरकार के हलफनामे के अनुसार, वर्तमान में महाराष्ट्र में 79 कोरोना वायरस जांच केंद्र हैं।
कृष्ण
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