मंत्रियों बनाम अधिकारियों का कोई मामला ही नहीं है, दौरों पर अधिकारियों का खर्च सामान्य है: पटनायक
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों की शिकायतें सुनने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक अधिकारी द्वारा बैठकें करने को लेकर हो रही आलोचनाओं को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में ‘मंत्रियों बनाम अधिकारियों’ का कोई मामला ही नहीं है।
भुवनेश्वर, 25 सितंबर: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों की शिकायतें सुनने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक अधिकारी द्वारा बैठकें करने को लेकर हो रही आलोचनाओं को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में ‘मंत्रियों बनाम अधिकारियों’ का कोई मामला ही नहीं है. पटनायक ने विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ के काम का प्रबंधन हमेशा से सीएमओ की करता रहा है और मंत्रियों को भुवनेश्वर में उन बैठकों में भाग लेने की आवश्यकता नहीं होती, जिनमें लोग अपनी शिकायतों के निवारण के लिए आते हैं.
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सीएमओ के अधिकारियों, विशेषकर पटनायक के निजी सचिव एवं 2000 बैच के आईएएस अधिकारी वी के पांडियन की हेलीकॉप्टर यात्रा पर बड़ी रकम खर्च की गई थी. मुख्यमंत्री ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोई अतिरिक्त खर्च नहीं हुआ. पटनायक ने कहा कि मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ का प्रबंधन हमेशा सीएमओ ने किया है और शिकायतें मिलने के बाद उन्हें संबंधित विभागों को भेजा जाता है. मुख्यंमत्री ने कहा, ‘‘इसमें ‘मंत्रियों बनाम अधिकारियों’ का क्या मामला बनता है?’’
उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने शिकायतों को निवारण करने में विभागों के प्रमुख के रूप में एक अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि यह काम उच्चतम स्तर पर मिलकर और लोकतांत्रिक व्यवस्था में पेशेवर तरीके से किया जाता है. पटनायक ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य सर्वश्रेष्ठ तरीके से लोगों की शिकायतों को सुलझाना है.’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ के लोगों के घरों के द्वार तक पहुंचने के दौरान कम से कम 57,442 शिकायतें मिली हैं.
पटनायक ने कहा, ‘‘अन्यथा, लोगों को भुवनेश्वर स्थित मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ आना पड़ता. उन्हें यात्रा और रहने पर कितना पैसा खर्च करना पड़ता? उनकी कितनी वेतन हानि होती? मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ ने लोगों के घर-घर जाकर उन्हें इन दिक्कतों से बचाया है.’’
उन्होंने कहा कि इन 57,442 शिकायतों में से 43,536 को सुलझा दिया गया है या उनका निपटारा कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों का निपटारा होने पर कोई नाखुश कैसे हो सकता है.
पटनायक ने अधिकारियों द्वारा हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किये जाने के बारे में कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि सड़क मार्ग से यही काम करने में डेढ़ साल का समय लगता. प्रतिदिन सुबह 10 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच विभिन्न स्थानों पर तीन से पांच बैठक आयोजित करना मानवीय रूप से असंभव है. यह समयावधि लोगों के लिए सुविधाजनक है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साढ़े तीन साल में हमने हेलीकॉप्टर पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.’’ विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस महीने की शुरुआत में आरोप लगाया था कि पांडियन के दौरों पर सरकारी कोष से अब तक 500 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं. पटनायक ने कहा कि हेलीकॉप्टर पर हर महीने औसतन एक से 1.5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)