देश की खबरें | भाजपा के साथ नहीं है कोई टकराव, लेकिन हम अपना जनाधार बढ़ाना चाहते हैं: जद(यू) नेता संजय झा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष संजय कुमार झा ने बृहस्पतिवार को इन अटकलों को खारिज कर दिया कि बिहार को विशेष दर्जा देने के लिए उनकी पार्टी द्वारा बनाये जा रहे दबाव से केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के साथ टकराव पैदा हो सकता है।
पटना, चार जुलाई जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष संजय कुमार झा ने बृहस्पतिवार को इन अटकलों को खारिज कर दिया कि बिहार को विशेष दर्जा देने के लिए उनकी पार्टी द्वारा बनाये जा रहे दबाव से केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के साथ टकराव पैदा हो सकता है।
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पहली बार बिहार पहुंचे राज्यसभा सदस्य झा ने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जद(यू) अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगा तथा अन्यत्र भी अपना पैर जमाएगा।
कभी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में रहे झा ने कहा, ‘‘ कई लोगों को उम्मीद है कि पिछले सप्ताह पार्टी द्वारा पारित किये गये प्रस्ताव के आलोक में (केंद्र के साथ) टकराव होने जा रहा है। लेकिन ऐसे लोगों को निराशा होगी। ’’
जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार द्वारा झा को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पर नियुक्त किये जाने को इस रूप में देखा जा रहा है कि वह अपने वरिष्ठ सहयोगी दल के साथ अच्छा संबंध चाहते हैं।
झा ने कहा, ‘‘ प्रस्ताव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम मदद चाहते हैं चाहे वह विशेष दर्जे के रूप में हो या विशेष पैकेज के रूप में। प्रधानमंत्री हमारी चिंताओं के प्रति संवेदनशील हैं। अगले पांच साल में बिहार विकसित राज्यों में शामिल होगा और इसके लिए उसे पर्याप्त केंद्रीय सहायता मिलेगी।’’
बिहार के पूर्व मंत्री झा ने बॉलीवुड फिल्म का डायलॉग ‘टाइगर अभी जिंदा है’ भी बोला और इस बात पर जोर दिया कि बुजुर्ग हो चुके मुख्यमंत्री ने हाल के लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत साबित की है।
जद(यू) नेता ने कहा, ‘‘ मीडिया का एक वर्ग कह रहा था कि नीतीश कुमार का दौर खत्म हो गया, वह उनके नेतृत्व को कम करके आंक रहा था जिसने बिहार की कायापलट की। पहले उसे (बिहार को) शासन की दृष्टि से कठिन राज्य के रूप में देखा जाता था। चुनाव में उन्हें वास्तविकता पता चली।’’
जद(यू) ने बिहार में 12 लोकसभा सीट जीती हैं। भाजपा भी राज्य में इतनी ही सीट पर विजय रही।
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के बाद जद(यू) राजग में भाजपा की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी के रूप में उभरी है। भाजपा इस चुनाव में अपने बलबूते बहुमत हासिल नहीं कर पायी और वह केंद्र में सरकार गठन के लिए अपने सहयोगियों पर आश्रित हो गयी।
झा ने कहा, ‘‘ लोकसभा चुनाव में बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 177 में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) आगे रहा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में 2010 के अपने रिकार्ड से बेहतर करने की आस है। वर्ष 2010 में हमने (विधानसभा में) 200 से अधिक सीट जीती थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसके अलावा बिहार में नीतीश कुमार के प्रदर्शन को शासन के मॉडल के रूप में पेशकर हम अन्य राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश करेंगे।’’
जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ हम झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में तथा दिल्ली एवं पूर्वोत्तर के सुदूर राज्यों में भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।’’
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