बहराइच में तेंदुए की भूख-प्यास और गर्मी से मौत होने की आशंका

बहराइच जिले के मटेरा थाना क्षेत्र के तहत आने वाले नबीनगर गांव में जंगल से भटककर आई एक मादा तेंदुए की मौत हो गई. वन विभाग के अधिकारियों ने आशंका जतायी है कि तेंदुए की मौत गर्मी और भूख-प्यास से हुई है.

तेंदुए का हमला (Photo Credits: Wikimedia Commons)

बहराइच (उप्र), 21 मई : बहराइच जिले के मटेरा थाना क्षेत्र के तहत आने वाले नबीनगर गांव में जंगल से भटककर आई एक मादा तेंदुए की मौत हो गई. वन विभाग के अधिकारियों ने आशंका जतायी है कि तेंदुए की मौत गर्मी और भूख-प्यास से हुई है. प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) मनीष सिंह ने पत्रकारों को बताया कि शुक्रवार दोपहर वन विभाग को पता लगा कि एक तेंदुआ नबीनगर गांव में बेसुध पड़ा हुआ है और उसे ग्रामीणों ने घेर रखा है. वन विभाग के अधिकारियों तथा वनकर्मियों ने गांव में पहुंचकर तेंदुए को अपने कब्जे में लिया और इलाज के लिए उसे नानपारा वन रेंज कार्यालय ले जाया जा रहा था, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गयी. डीएफओ ने बताया कि मृत मादा तेंदुए की उम्र करीब दो साल है. उन्होंने कहा कि तेंदुए को देखकर ऐसा लग रहा है कि काफी समय से वह भूखी-प्यासी थी.

प्रथम दृष्टया तेंदुए के शरीर पर चोट के कोई निशान भी नहीं दिखे हैं. सिंह ने कहा कि तीन पशु चिकित्सकों का पैनल मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम करेगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता लग सकेगा. फिलहाल हम सभी कारणों को नजर में रखते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ाएंगे. डीएफओ ने बताया कि भीषण गर्मी के चलते वन्यजीव जंगल से निकलकर बाहर आ रहे हैं. यहां गर्मी और ज्यादा है, साथ ही उन्हें भोजन और पानी भी नहीं मिल पाता, इसलिए ऐसी घटनाओं की आशंका बढ़ी है. यह भी पढ़ें : Road Accident: कर्नाटक में भीषण सड़क हादसा, पेड़ से गाड़ी टकराने से तीन बच्चों समेत सात लोगों की मौत

फिलहाल ग्रामीणों को दुर्लभ वन्यजीवों की महत्ता समझाकर उन्हें इन वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है. उधर ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ समय पूर्व इसी क्षेत्र में तेंदुए की आमद पर गांव वालों ने वन विभाग से गांव में पिंजड़ा ट्रैप लगाने की गुजारिश की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. समय से पिंजड़ा लगता तो तेंदुआ उसमें बंधी बकरी के लालच में फंस जाता और उसे वापस जंगल में छोड़ते तो उसकी जान बच सकती थी.

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