देश की खबरें | सीएए नियमों की कानूनी वैधता पर संदेह है: ममता बनर्जी

बारासात (पश्चिम बंगाल), 12 मार्च केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 लागू किए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएए में जिन नियमों को अधिसूचित किया गया है उनमें कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने सीएए नियमों की कानूनी वैधता को लेकर संदेह भी जताया।

उत्तर 24 परगना जिले के हाबड़ा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल में सीएए लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने लोगों से कानून के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले कई बार सोचने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, "मुझे संदेह है कि कल अधिसूचित किये गये सीएए नियमों की कानूनी वैधता है या नहीं। इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।"

बनर्जी ने कहा, ''सीएए और इसके नियम असंवैधानिक हैं और संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत भेदभावपूर्ण हैं। अनुच्छेद 14 नागरिकों को समानता का मौलिक अधिकार प्रदान करता है।''

उन्होंने दावा किया कि केंद्र नागरिकता प्रदान करने के नाम पर धोखा दे रहा है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दावा किया कि सीएए के तहत कोई भी व्यक्ति नागरिकता के लिए आवेदन करेगा और इस प्रकार वह खुद ही अवैध अप्रावासी बन जायेगा।

उन्होंने सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त करने को 'अधिकार छीनने का खेल' करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ''जैसे ही लोग नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे, वे अवैध निवासी बन जाएंगे और उन्हें निरूद्ध केंद्रों में ले जाया जाएगा।"

उन्होंने कहा, ''अगर किसी एक व्यक्ति को भी (नागरिकता) अधिकार मिल जाता है तो मुझे खुशी होगी, लेकिन अगर कोई वंचित है तो मैं उसे आश्रय दूंगी।'' उन्होंने कहा कि वह किसी को भी 'बाहर' करने की अनुमति नहीं देंगी।

बनर्जी ने दावा किया कि सीएए लागू करने का सीधा संबंध देश में राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को लागू करने से है।

उन्होंने दावा किया कि जो मुस्लिम आप्रवासी पहले से ही भारत के नागरिक हैं, उन्हें अवैध घोषित कर दिया जाएगा और एनआरसी के तहत उन्हें नुकसान होगा।

उन्होंने कहा कि ऐसे अवैध आप्रवासियों की मौजूदा संपत्ति के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है और क्या उन्हें जब्त किया जाएगा।

बनर्जी ने भाजपा पर चुनाव से पहले झूठे दावे और वादे करने का आरोप लगाया तथा सवाल किया, ‘‘2014 के चुनावों से पहले वादा किये गये 15 लाख रुपये कहां हैं?’’

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