विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, दुनिया को ऐसी सरकारों की जरूरत जो समावेशी हों, भ्रष्टाचार से मुक्त हों

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया में आज ऐसी सरकारों की जरूरत है जो समावेशी हों और भ्रष्टाचार से मुक्त हों।

Pm modi credit- ANI

दुबई, 14 फरवरी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया में आज ऐसी सरकारों की जरूरत है जो समावेशी हों और भ्रष्टाचार से मुक्त हों. मोदी ने कहा कि पिछले कुछ साल से उनका मंत्र ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ रहा है.

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अपनी यात्रा के दूसरे दिन यहां विश्व सरकार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है.

उन्होंने कहा, ‘‘जनता को भारत सरकार की मंशा और प्रतिबद्धता पर भरोसा है. यह केवल इसलिए संभव हुआ क्योंकि हमने जन भावनाओं को प्राथमिकता दी.’’ मोदी ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने सरकार में 23 साल बिताए हैं और उनका सिद्धांत ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने महिला नीत विकास, भारतीय महिलाओं की वित्तीय, सामाजिक और राजनीतिक दशा मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया.

मोदी ने कहा कि सामजिक और वित्तीय समावेश उनकी सरकार की प्राथमिकता रहा है तथा 50 करोड़ से अधिक लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया. उन्होंने कहा कि दुनिया को आज ऐसी सरकारों की जरूरत है जो समावेशी हों, सभी को साथ लेकर चलें और भ्रष्टाचार से मुक्त तथा साफ-सुथरी हों. मोदी ने कहा, ‘‘एक तरफ दुनिया आधुनिकता की ओर बढ़ रही है और दूसरी तरफ पहले की सदियों की चुनौतियां तीव्र हो रही हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद अपने विभिन्न स्वरूपों में हर रोज मानवता के सामने नयी चुनौतियां ला रहा है. आज जलवायु परिवर्तन समय के साथ तेज हो रहा है। एक तरफ घरेलू चिंताएं हैं और दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अस्त-व्यस्त दिखती है.’’ मोदी ने कहा कि दुबई वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का केंद्र बन रहा है.

यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि वह दूरदृष्टि और दृढ़संकल्प वाले नेता हैं. ‘विश्व सरकार शिखर सम्मेलन’ का आयोजन ‘भविष्य की सरकारों को आकार देना’ विषय के तहत हो रहा है, जिसमें दुनिया भर की सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, विचारकों और निजी क्षेत्र के नेताओं के बीच संवाद शामिल है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\