देश की खबरें | दिल्ली में मानसून का इंतजार खत्म, बारिश से लोगों को गर्मी से मिली राहत

नयी दिल्ली, 13 जुलाई बहुप्रतीक्षित दक्षिण-पश्चिम मानसून आखिरकार मंगलवार की सुबह दिल्ली पहुंच गया, जिससे भीषण गर्मी से लोगों को कुछ राहत मिली। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले 19 सालों में मानसून इस बार दो सप्ताह से अधिक देरी से दिल्ली पहुंचा है। वर्ष 2002 में मानसून 19 जुलाई को दिल्ली पहुंचा था।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक के जेनामणि ने कहा, ‘‘मानसून दिल्ली पहुंच गया है।’’

दिल्ली में मंगलवार की सुबह बारिश हुई और दिन के दौरान कुछ क्षेत्रों में जलभराव और यातायात जाम की खबरें भी मिली। विभाग ने बताया, ‘‘मानसून दिल्ली में 27 जून की सामान्य तारीख के मुकाबले 13 जुलाई को आगे बढ़ा।’’ इसके साथ ही मानसून अब पूरे देश में छा गया है।

विभाग ने कहा, ‘‘दक्षिण-पश्चिम मानसून दिल्ली सहित देश के शेष हिस्सों, उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में आगे बढ़ गया है। इस तरह दक्षिण-पश्चिम मानसून ने आठ जुलाई की सामान्य तिथि के मुकाबले 13 जुलाई को पूरे देश में छा गया है।’’

विभाग ने कहा कि 12 जुलाई को सुबह 8.30 बजे से 13 जुलाई को सुबह 8.30 बजे के बीच सफदरजंग के मौसम केंद्रों में 2.5 सेमी, पालम में 2.4 सेमी और लोधी रोड में 0.9 सेमी बारिश दर्ज की गई।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट किया, ‘‘आखिरकार दिल्ली में मानसून की बारिश हुई! हालांकि पिछले 2-3 दिनों में मानसून की स्थिति बनी हुई थी, भारत मौसम विभाग मानसून के आने की घोषणा के लिए इस बारिश का इंतजार कर रहा था। पिछले दो दिनों में दिल्ली को छोड़कर दिल्ली के आसपास हर जगह बारिश हुई थी।’’

बारिश के कारण हालांकि शहर के कुछ हिस्सों में जलभराव हो गया और यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई। धौला कुआं में भारी यातायात जाम था।

आम तौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। पिछले साल 25 जून को मानसून दिल्ली पहुंचा था और 29 जून तक पूरे देश में छा गया था।

इस बार मानसून दिल्ली में सबसे अंत में आया है। सोमवार को मानसून दिल्ली को तरसता छोड़कर अपने आखिरी पड़ाव राजस्थान के जैसलमेर और गंगानगर जिलों तक पहुंच गया था। राजस्थान के ही रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में मानसून सामान्य तारीख से करीब दो हफ्ते पहले ही पहुंच गया था।

एक निजी पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ के महेश पलावत ने कहा कि मानसून ने दिल्ली में ‘‘कमजोर शुरुआत’’ की और अगले तीन दिनों में शहर में केवल हल्की बारिश का अनुमान है।

मौसम विभाग को इस साल दिल्ली में मानसून के आगे बढ़ने की भविष्यवाणी करने में मुश्किल हुई थी। कई पूर्वानुमानों के बाद आईएमडी ने सोमवार को माना, ‘‘मानसून के अनुमान में गणितीय मॉडल की इस तरह की नाकामी दुर्लभ और असामान्य है।’’ आईएमडी ने इससे पहले कहा था कि मानसून तय तिथि से 12 दिन पहले, 15 जून को दिल्ली पहुंचेगा लेकिन हवाओं की स्थिति से इसका आगमन प्रभावित हुआ।

जून की शुरुआत में, मौसम कार्यालय ने कहा था कि मानसून के दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में सात जुलाई तक आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो जाएंगी। बाद में उसने कहा कि दिल्ली में मानसून की पहली बारिश 10 जुलाई के आसपास होगी।

मौसम विभाग ने शनिवार को एक बार फिर पूर्वानुमान में संशोधन करते हुए कहा कि अगले 24 घंटों में मानसून राजधानी में पहुंच सकता है। लेकिन इसने शहर को रविवार को इंतजार कराया और सोमवार को भी बारिश नहीं हुई।

आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार मानसून 2012 में सात जुलाई को और 2006 में नौ जुलाई को राजधानी में पहुंचा था। वर्ष 2002 में, दिल्ली में 19 जुलाई को मानसून की पहली बारिश हुई थी। शहर में 1987 में सबसे देरी से 26 जुलाई को मानसून पहुंचा था।

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