देश की खबरें | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के दूसरे चरण को मंजूरी दी

नयी दिल्ली, चार अप्रैल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित गांवों के समग्र विकास के लिए शुरू किये गए ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के दूसरे चरण को शुक्रवार को मंजूरी दे दी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में, मंत्रिमंडल ने शत प्रतिशत वित्त पोषण वाली केंद्र की योजना के रूप में इस कार्यक्रम के दूसरे चरण (वीवीपी-2) को मंजूरी दी।

यह कार्यक्रम ‘सुरक्षित, संरक्षित और जीवंत भूमि सीमाओं’ के लिए ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

कार्यक्रम का दूसरा चरण अपने पहले चरण के तहत कवर की गई उत्तरी सीमा के अलावा अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमाओं से लगे गांवों के व्यापक विकास में मदद करेगा।

इसका उद्देश्य समृद्ध और सुरक्षित सीमा सुनिश्चित करने, सीमा पार से होने वाले अपराध को नियंत्रित करने और सीमावर्ती आबादी का उपयोग सीमा से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं प्राप्त करने के लिए उन्हें आजीविका के पर्याप्त अवसर मुहैया करना तथा उनका जीवन स्तर बेहतर बनाना है।

बयान के अनुसार, कुल 6,839 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, यह कार्यक्रम अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के चुने हुए रणनीतिक महत्व के गांवों में वित्त वर्ष 2028-29 तक लागू किया जाएगा।

कार्यक्रम के तहत गांव या गांवों के समूह के भीतर बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा और सहकारी समितियों एवं स्वयं सहायता समूहों आदि के माध्यम से लोगों को आजीविका के अवसर प्रदान किये जाएंगे।

इन गांवों के लिए बारहमासी सड़क का निर्माण ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत पहले से स्वीकृत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण के तहत किया जाएगा।

यह कार्यक्रम सीमावर्ती गांवों को आत्मनिर्भर और जीवंत बनाने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)