देश की खबरें | प्रधानमंत्री को मिले उपहारों की ई-नीलामी में पदक विजेताओं की खेल सामग्री बनी आकर्षण का केंद्र

नयी दिल्ली, 17 सितंबर संस्कृति मंत्रालय द्वारा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृतिचिह्नों की शुक्रवार से शुरु की गई ई-नीलामी में, ओलंपिक और पैरालंपिक खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं द्वारा इस्तेमाल की गई खेल सामग्री आकर्षण का केंद्र है और अभी तक इन्हीं की सबसे अधिक बोली लग रही है।

संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट पर अभी तक सबसे अधिक बोली, तोक्यो पैरालंपिक की बैडमिंटन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले कृष्णा नागर और रजत पदक जीतने वाले सुहास ललीनाकेरे यथीराज के बैडमिंटन रैकेटों की लगी है। इनकी बोली 10 करोड़ रुपये से ऊपर की लग चुकी है।

नागर के रैकेट की कम से कम कीमत 80 लाख रुपये जबकि यथीराज के रैकेट की कम से कम कीमत 50 लाख रुपये तय की गई है।

तलवारबाज सी ए भवानी देवी की तलवार की भी 10 करोड़ रुपये के करीब बोली लगी है। इसका कम से कम मूल्य 60 लाख रुपये है। ओलंपिक की तलवारबाजी स्पर्धा में क्वालीफाई करने वाली देवी पहली भारतीय हैं।

मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन द्वारा खेल के दौरान इस्तेमाल किए गए मुक्केबाजी के दस्ताने के लिए अभी तक 1.80 करोड़ रुपये की बोली लग चुकी है। लवलीना ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। ओलंपिक में पदक जीतने वाली वह तीसरी भारतीय मुक्केबाज हैं। उनके दस्तानों की कम से कम कीमत 80 लाख रुपये निर्धारित है।

तोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला स्वर्ण दिलाने वाले नीरज चोपड़ा के भाले की सर्वाधिक बोली 1.20 करोड़ रुपये लगी है। इस भाले की बोली एक करोड़ रुपये से शुरु हुई।

तोक्यो पैरालंपिक की शूटिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले मनीष नरवाल द्वारा पहने गए चश्मे की अभी तक 95.94 लाख रुपये की बोली लग चुकी है। उन्होंने इस चश्मे को प्रधानमंत्री को भेंट किया था।

ई-नीलामी में ओलम्‍पिक और पैरालम्‍पिक पदक विजेताओं की खेल सामग्रियों और उपकरणों के अलावा अयोध्‍या राम मंदिर, चार धाम और रूद्राक्ष सम्‍मेलन केन्‍द्र की प्रतिकृतियां, मॉडल, मूर्तियां, पेंटिंग और अन्‍य उपहार शामिल हैं।

कांच के बक्से के भीतर राम मंदिर की लकड़ी से बनी प्रतिकृति की अभी तक सर्वाधिक बोली तीन लाख रुपये लगी है। रूद्राक्ष सम्मेलन की प्रतिकृति की सर्वाधिक बोली 40 लाख रुपये लगी है।

नीलामी सात अक्‍टूबर तक चलेगी। नीलामी से प्राप्‍त धन का उपयोग गंगा के संरक्षण और पुनरुद्धार के उद्देश्‍य से चलाए जा रहे नमामी गंगे मिशन में किया जाएगा।

ब्रजेन्द्र

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