संस्था की यह रिपोर्ट, ईरान के साथ हुए 2015 के परमाणु समझौते में अमेरिका को वापस लाने के लिए अप्रैल से शुरू होकर अब तक जारी वार्ताओं में राजनयिकों के लिए सामने आ रही चुनौतियों को रेखांकित करती है।
ईरान की तरफ से की गई शुरुआती घोषणा कि वह 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धित करेगा - जो कि परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं लेकिन अब तक की उसकी उच्चतम शुद्धता है- ऐसे वक्त में आई जब वियेना में वार्ता शुरू होने वाली थी।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निदेशक जनरल राफेल ग्रोसी ने सदस्य एजेंसियों को मंगलवार को खबर दी कि हालिया निरीक्षणों में पुष्टि हुई है कि ईरान ने अपने नतांज संयंत्र में 60 प्रतिशत शुद्धता तक यूरेनियम संवर्धित करना जारी रखा हुआ है।
आईएईए ने कहा कि इसके अलावा, 22 अप्रैल को लिए गए नमूनों में “63 प्रतिशत तक का संवर्धन स्तर दिखता है...जो उस वक्त उत्पादन के तरीके में अनुभव किए गए उतार-चढ़ाव के अनुरूप है।”
एजेंसी ने कहा कि सोमवार को निरीक्षकों ने इस बात को “प्रमाणित किया है कि ईरान ने फिर से उत्पादन का माध्यम बदल दिया है” जिसके द्वारा वह 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन कर रहा था।
ईरान इस ऐतिहासिक परमाणु समझौते से 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा देश को एकतरफा बाहर निकाल लेने और तेहरान पर सख्त प्रतिबंध लगा देने के बाद से प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है।
एपी
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