नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनियां सितंबर तिमाही में इससे पिछली तिमाही की तुलना में राजस्व में अच्छी वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद कर रही हैं। विश्लेषकों ने यह अनुमान जताते हुए कहा है कि कमजोर वैश्विक रुख के साथ वृहद जोखिमों को देखते हुए सभी की निगाह सौदों और मांग परिदृश्य को लेकर प्रबंधन की टिप्पणियों पर रहेगी।
ब्रोकरेज कंपनियों की रिपोर्ट और विश्लेषकों के नोट के आधार पर कहा जा सकता है कि अमेरिका और यूरोप की चुनौतीपूर्ण वृहद-आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद दूसरी तिमाही में आईटी कंपनियां मजबूत वृद्धि दर्ज करेंगी। हालांकि, इसके साथ ही इन नोट में चेताया गया है कि आगामी तिमाहियों में इन कंपनियों को सुस्ती का सामना करना पड़ सकता है।
कुछ तिमाही पहले जहां मांग को लेकर परिदृश्य काफी अच्छा था वहीं अब आर्थिक विश्लेषक मंदी के जोखिमों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार के झटकों की बात कर रहे हैं।
खबरों से पता चलता है कि कई प्रौद्योगिकी कंपनियों सहित अमेरिका की कंपनियों ने अकेले 2022 में हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है।
घरेलू मोर्चे पर बात की जाए, तो बाजार पर नजर रखने वालों की इस पर राय अलग है कि क्या अमेरिका और यूरोपीय कंपनियों के लागत अनुकूलन एजेंडा से आने वाली तिमाहियों में भारतीय सेवाप्रदाताओं के पक्ष में महत्वपूर्ण आउटसोर्सिंग लाभ प्राप्त होगा।
आईटी उद्योग के दिग्गज और इन्फोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पई का कहना है कि भारतीय आईटी क्षेत्र अच्छी स्थिति में है। वैश्विक अनिश्चितता के कारण पिछली तिमाही की तुलना में मांग का दृष्टिकोण थोड़ा कम है, लेकिन यह ‘काफी मजबूत’ बना हुआ है। वह कहते हैं, ‘‘हम अमेरिका में कई कंपनियों को लोगों की छंटनी करते हुए देख रहे हैं, जिसका अर्थ है कि वे लागत में कटौती करने की कोशिश कर रहे हैं ... यदि वे लागत में कटौती करते हैं तो इसका मतलब है कि अधिक आउटसोर्सिंग करेंगे। हालांकि, इसका परिणाम दो-तीन तिमाहियों के अंतराल के बाद देखने को मिलेगा।’’
प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए अब बड़ा सप्ताह आने वाला है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) 10 अक्टूबर को तिमाही नतीजों की घोषणा करेगी। एचसीएल टेक्नोलॉजीज और विप्रो 12 अक्टूबर को और इन्फोसिस और माइंडट्री 13 अक्टूबर को तिमाही नतीजे घोषित करेंगी।
एमके ग्लोबल ने पिछले सप्ताह एक नोट में कहा था कि दूसरी तिमाही में आईटी कंपनियों की वृद्धि अच्छी रहेगी। लेकिन ग्राहक संगठनों में नौकरियों में कटौती तथा अन्य कारक निश्चित रूप से आने वाली तिमाहियों में सुस्ती का संकेत देते हैं।
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