बकिंघम पैलेस से अंतिम यात्रा के बाद महारानी का ताबूत वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा गया

ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत बुधवार को लंदन के बकिंघम पैलेस से अपनी अंतिम यात्रा के बाद वेस्टमिंस्टर हॉल लाया गया. महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनके बेटे प्रिंस विलियम तथा प्रिंस हैरी भी इस दौरान मौजूद रहे और ताबूत के साथ चलते रहे.

Britain Queen Elizabeth II Died

लंदन, 14 सितंबर : ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत बुधवार को लंदन के बकिंघम पैलेस से अपनी अंतिम यात्रा के बाद वेस्टमिंस्टर हॉल लाया गया. महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनके बेटे प्रिंस विलियम तथा प्रिंस हैरी भी इस दौरान मौजूद रहे और ताबूत के साथ चलते रहे. ताबूत को महारानी के लंदन स्थित आधिकारिक निवास बकिंघम पैलेस से संसद भवन के वेस्टमिंस्टर हॉल में ‘लाइंग-इन-स्टेट’ में रखा गया और उसके बाद सोमवार को वेस्टमिंस्टर एबे में महारानी का राजकीय तरीके से अंतिम संस्कार किया जाएगा. स्थानीय समयानुसार जनता को शाम पांच बजे से उनके दर्शन की इजाजत थी और और सोमवार सुबह साढ़े छह बजे तक लोग महारानी के अंतिम दर्शन कर सकेंगे.

इस दौरान हजारों लोगों के कतार में लगकर महारानी के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने की उम्मीद है. ताबूत को महाराजा की ट्रूप रॉयल हॉर्स आर्टिलरी की घोड़ों वाली तोपगाड़ी में रखा गया और स्थानीय समयानुसार अपराह्न 2:22 बजे पैलेस ऑफ वेस्टमिंस्टर तक का करीब दो किलोमीटर का रस्मी जुलूस शुरू हुआ. इसमें महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनके बेटे प्रिंस विलियम तथा प्रिंस हैरी भी शामिल हुए और ताबूत के साथ में चलते रहे. इस दौरान हाइड पार्क और बिग बेन से तोपों की सलामी दी गयी. महारानी की अन्य संतान प्रिंसेस एनी और प्रिंस एंड्रयू तथा प्रिंस एडवर्ड भी तोपगाड़ी के पीछे चल रहे थे. यह भी पढ़ें : अमेरिका में मध्यावधि चुनाव से पहले बाइडन की लोकप्रियता में इजाफा

टेम्स नदी के पास से गुजरने वाली वाली अंतिम यात्रा के दौरान मार्ग में हजारों लोग कतारबद्ध खड़े थे. वेस्टमिंस्टर हॉल में कैंटरबरी के आर्चबिशप मोस्ट रेवरेंड जस्टिन वेल्बी ने ताबूत ग्रहण किया और एक संक्षिप्त प्रार्थना सेवा की. इसमें वेस्टमिंस्टर के डीन, वैरी रेवरेंड डॉ डेविड हॉयले भी शामिल हुए. प्रार्थना में शाही परिवार के सदस्य भी शामिल हुए. इसके बाद ताबूत को एक ऊंचे चबूतरे पर रखा गया. अंतिम संस्कार से पहले ‘लाइंग-इन-स्टेट’ चरण शुरू हुआ और अनेक अधिकारी इस दौरान निगरानी रखेंगे. इस दौरान महारानी के ताबूत को चार दिन के लिए इस अवस्था में रखा जाएगा और लोग उनकी अंतिम झलक पा सकेंगे.

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