देश की खबरें | एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव प्रमुख मुद्दों से ध्यान हटाने का एक प्रयास है: उद्धव

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक लोकसभा में पेश करने का केंद्र का कदम देश के मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक प्रयास है।

नागपुर, 17 दिसंबर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक लोकसभा में पेश करने का केंद्र का कदम देश के मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक प्रयास है।

ठाकरे ने नागपुर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए 'एक राष्ट्र एक चुनाव' प्रस्ताव के क्रियान्वयन से पहले पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की मांग की।

उन्होंने यह भी कहा कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को लाडकी बहिन योजना के तहत महिलाओं को 2,100 रुपये प्रति माह देना चाहिए, जैसा कि पिछले महीने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया गया था।

वर्तमान में, राज्य में महिलाओं को इस योजना के तहत 1,500 रुपये प्रति माह मिलते हैं।

देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को निचले सदन में पेश किया।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को निचले सदन में पुर:स्थापित करने के लिए रखा, जिनका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया।

सदन में मत विभाजन के बाद विधेयक को पुर:स्थापित कर दिया गया। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 269 वोट जबकि विरोध में 198 वोट पड़े।

इसके बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के बाद ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को भी पेश किया।

ठाकरे ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र एक चुनाव (प्रस्ताव) देश को परेशान करने वाले मुद्दों से ध्यान हटाने का एक प्रयास है।’’

शिवसेना (उबाठा) नेता ठाकरे ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण के बाद दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाली प्रतिष्ठित पेंटिंग को साउथ ब्लॉक में सेना प्रमुख के एनेक्सी से नयी दिल्ली में मानेकशॉ सेंटर में स्थानांतरित करने को लेकर भी केंद्र की आलोचना की।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने सवाल किया कि पेंटिंग को क्यों हटाया गया, जबकि यह भारतीय सैनिकों की बहादुरी का प्रतीक थी।

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