देश की खबरें | देशभर में महिलाओं के लिए एकीकृत सहायता प्रणाली लागू करने की याचिका तर्कसंगत नहीं: न्यायालय
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नयी दिल्ली, 28 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की महिला एकीकृत सहायता प्रणाली को पूरे भारत में लागू करने का निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका में उठाया गया मुद्दा तर्कसंगत नहीं है।
यह प्रणाली हिंसा की शिकार महिलाओं को न्याय तक निर्बाध पहुंच प्रदान करती है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर नालसा द्वारा प्रशासनिक पक्ष से विचार किया जा सकता है। पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस से मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘‘ये ऐसे मामले हैं जो तर्कसंगत नहीं हैं।’’
उच्चतम न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नालसा महिला एकीकृत सहायता प्रणाली को लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया। याचिका में कहा गया कि पिछले तीन वर्षों से जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ में एक परियोजना का परीक्षण किया जा रहा है।
पीठ ने इस मुद्दे पर प्राधिकरण की राय को रिकॉर्ड पर रखने के लिए नालसा के वकील को छह सप्ताह का समय दिया। सितंबर 2023 में मामले की सुनवाई करते हुए, उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘इस मामले में आगे बढ़ने से पहले, हम नालसा से उस योजना के बारे में रिपोर्ट चाहते हैं, जिसे याचिकाकर्ता लागू होते देखना चाहते हैं।’’
अधिवक्ता सत्य मित्रा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि यह एक ‘‘सफल परियोजना’’ है और वे चाहते हैं कि इसे पूरे देश में लागू किया जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि यह महिला हेल्पलाइन-181, नालसा कानूनी सहायता हेल्पलाइन-15100 और अन्य सभी सरकारी योजनाओं की प्रौद्योगिकी एकीकृत प्रणाली है, जिसका उद्देश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं और लड़कियों को आपराधिक न्याय प्रणाली तक परेशानी मुक्त पहुंच प्रदान करना और उन्हें अत्याचारों से सशक्त बनाना और उनकी रक्षा करना है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा, ‘‘यह परियोजना पिछले तीन वर्षों से जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ में परीक्षण आधार पर काम कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि नालसा महिला एकीकृत सहायता प्रणाली को देश भर में विस्तारित करने के लिए विशेष बजट की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि जो योजनाएं इसका हिस्सा है, उन्हें पहले ही वित्त पोषित किया जा चुका है और प्रबंधन के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर भी मुफ्त में उपलब्ध है।
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