नयी दिल्ली, एक जून उच्चतम न्यायालय दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें हरियाणा को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह हिमाचल प्रदेश द्वारा उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त पानी को राष्ट्रीय राजधानी के लिए जारी करे, ताकि यहां का जल संकट दूर किया जा सके।
उच्चतम न्यायालय की वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति पी. के. मिश्रा और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ द्वारा मामले की सुनवाई किये जाने की संभावना है।
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी की याचिका में केंद्र, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा और कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश को पक्षकार बनाते हुए कहा गया है कि पानी की उपलब्धता जीवन के लिए बहुत आवश्यक है और यह बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘पानी की उपलब्धता किसी भी व्यक्ति के बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है। पानी न केवल जीने के लिए आवश्यक है, बल्कि पानी तक पहुंच संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा एवं गुणवत्तापूर्ण जीवन की गारंटी का एक अनिवार्य घटक भी है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘वर्तमान जल संकट भीषण गर्मी होने तथा पानी की निरंतर कमी के कारण और भी बदतर हो सकता है तथा यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लोगों के सम्मानजनक एवं गुणवत्तापूर्ण जीवन के अधिकार का उल्लंघन है, जो पर्याप्त स्वच्छ पेयजल प्राप्त करने में असमर्थ हैं।’’
याचिका में हरियाणा सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह वजीराबाद बैराज से तत्काल और निरंतर पानी छोड़े, जिसमें प्रतिवादी संख्या-2 (हिमाचल प्रदेश) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए उपलब्ध कराए गए पूर्ण अधिशेष पानी को शामिल किया जाए ताकि राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट से निपटा जा सके।
दिल्ली सरकार ने कहा कि उत्तर भारत, विशेषकर दिल्ली में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण नागरिकों के समक्ष पानी की भारी किल्लत की वजह से वह याचिका दायर करने के लिए बाध्य है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘दिल्ली में रिकॉर्ड उच्च तापमान और लू के कारण कुछ स्थानों पर अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिसके परिणामस्वरूप शहर में पानी की मांग में असाधारण और अत्यधिक वृद्धि हुई है। दिल्ली जल संकट से जूझ रही है, जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई हिस्सों में बार-बार जलापूर्ति में कटौती हो रही है और आम लोगों का दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।’’
इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में सभी जल शोधन संयंत्रों से भेजे जा रहे पानी को साफ करके आपूर्ति की जा रही है और मौजूदा संकट से निपटने के लिए पानी की आपूर्ति बढ़ाना जरूरी है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि उसने एक बार के उपाय के तौर पर यह निर्देश देने का अनुरोध किया है, न कि किसी लंबित अंतर-राज्यीय जल विवाद को सुलझाने के लिए याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि गर्मी के महीनों में मांग से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक समाधान तैयार किया है, जिसके तहत हिमाचल प्रदेश अपना अधिशेष पानी दिल्ली के साथ साझा करने पर सहमत हो गया है।
इसमें कहा गया है कि चूंकि हिमाचल प्रदेश की सीमा दिल्ली के साथ नहीं लगती है, इसलिए इसके द्वारा छोड़ा गया अधिशेष पानी हरियाणा के माध्यम से लाया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय राजधानी भारी जल संकट से जूझ रही है और जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा पर दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं देने का आरोप लगाया है।
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