Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले की खबर टीवी पर देखी, उम्मीद नहीं थी कि हमारा सहयोगी भी पीड़ितों में शामिल है; रेल अभियंता
मुंबई में रेलवे कार्यशाला में अभियंता अतुल मोने के सहकर्मी पहलगाम आतंकवादी हमले की खबर टेलीविजन पर देखकर स्तब्ध रह गए, लेकिन उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन पीड़ितों में उनका अपना सहयोगी भी शामिल है.
मुंबई, 23 अप्रैल : मुंबई में रेलवे कार्यशाला में अभियंता अतुल मोने के सहकर्मी पहलगाम आतंकवादी हमले की खबर टेलीविजन पर देखकर स्तब्ध रह गए, लेकिन उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन पीड़ितों में उनका अपना सहयोगी भी शामिल है. सहयोगियों ने बताया कि बाद में उन्हें इस भयानक हमले में मोने की मौत की जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि इससे वे स्तब्ध हैं और स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि उनका मित्र और सहकर्मी अब इस दुनिया में नहीं रहा.
मोने के शोकग्रस्त सहकर्मियों के पास अब केवल उनकी अच्छी यादें ही बची हैं. उन्होंने कहा कि मोने एक प्रतिभाशाली और मिलनसार व्यक्ति थे. दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटक स्थल पर मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए. मृतकों में अधिकतर पर्यटक थे. हमले में कई अन्य घायल हुए हैं. परेल स्थित मध्य रेलवे की ब्रिटिशकालीन कार्यशाला में बुधवार को गमगीन माहौल था. कार्यशाला के मुख्य प्रवेश द्वार के निकट एक मेज पर मोने के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप फूलों से सजी उनकी तस्वीर रखी गई थी. यह भी पढ़ें : पहलगाम हमला: विहिप ने पाकिस्तान, कश्मीर में उसके ‘स्लीपर सेल’ के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की
रेलवे कर्मचारी संघों ने आतंकवादी हमले की निंदा करने तथा मोने को श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के क्षेत्र में बोर्ड लगाए हैं. पड़ोसी ठाणे जिले के डोंबिवली निवासी मोने (43) यहां रेलवे कार्यशाला की व्हील शॉप में वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे. वह अपने परिवार और मित्रों के साथ एक सप्ताह की छुट्टी पर कश्मीर गए थे. मोने के सहयोगी राजेश नादर ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि उन्हें पहलगाम आतंकवादी हमले के बारे में मंगलवार शाम लगभग साढ़े पांच बजे जानकारी मिली, लेकिन उन्हें इसकी आशंका भी नहीं थी कि मोने भी पीड़ितों में शामिल है