देश की खबरें | अब समय की मांग है गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर जोर दिया जाए: योगी आदित्यनाथ

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. योगी आदित्यनाथ अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे पर रविवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्वतंत्रता भवन में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 'सुफलाम' के दूसरे दिन किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ''जलवायु परिवर्तन की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान धरती और जल का ही हुआ है। धरती माता के साथ खिलवाड़ गलत है। जो हर हाल में बंद होना चाहिए।''

योगी आदित्यनाथ अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे पर रविवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्वतंत्रता भवन में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 'सुफलाम' के दूसरे दिन किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ''जलवायु परिवर्तन की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान धरती और जल का ही हुआ है। धरती माता के साथ खिलवाड़ गलत है। जो हर हाल में बंद होना चाहिए।''

योगी ने जोर देकर कहा कि '' इसके लिए यह जरूरी है कि रसायन युक्त खेती की जगह गौ आधारित प्राकृतिक खेती की जाए।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे के जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा; इसके लिए प्राकृतिक परिषद का गठन किया गया है।

उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि '' खुद के विकास के लिए लोग पर्यावरण को जहरीला बनाते जा रहे हैं। जीवन का अस्तित्व पांच तत्वों क्षितिज, जल, पावक, गगन, समीर से ही है और इसे अब बचाने की जरूरत है।''

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार गंभीर है और किसानों को योजनाओं के जरिए लाभ दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अगले एक वर्ष तक भारत जी-20 देशों का नेतृत्व करके दुनिया को नया मार्गदर्शन देगा; यह भारत के लिए गर्व की बात है, यह वर्ष हम लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने बताया कि एक दिसंबर 2022 से लेकर 30 नवंबर 2023 तक भारत को जी-20 का नेतृत्व करते हुए दुनिया के 20 बड़े देशों की नीति बनाने का अवसर प्राप्त हुआ है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में न केवल नेतृत्व करेगा, बल्कि दुनिया को एक नया मार्गदर्शन देगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैयाजी जोशी ने कहा कि हम आधुनिकता के पक्षधर हैं, मगर मर्यादाओं का पालन करने वाले हैं, भारत जो विचार दुनिया को दे रहा है उन विचारों का जीता जागता नमूना भी दिखाई पड़ना चाहिए, हमें संघर्ष नहीं बल्कि समन्वय के मार्ग से पृथ्वी की समस्याओं का समाधान करना हैl

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए भारत सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांतों पर आधारित है, पूर्वजों के इस ज्ञान को और अधिक शक्ति प्रदान करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि भारत में 12 स्थानों पर ‘सुफलाम’ का सफल आयोजन हो चुका है, वर्तमान समय में प्रधानमंत्री भी पंच भूतों के संरक्षण हेतु भारत अथवा दुनिया के हर राजनीतिक मंच पर भारतीय ज्ञान को रख रहे हैं।

तोमर ने कहा कि भूमि को माता कहा गया है, क्योंकि वो सबकी पोषक हैं, दूसरी हमारी गौ माता है। यदि हम भू-माता और गौ माता की रक्षा नहीं करेंगे तो तमाम समस्याएं प्रकट होती रहेंगी।

इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी दौरे के दौरान संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लेने के पश्चात नगर निगम द्वारा स्थापित रैन बसेरा का भी स्थलीय निरीक्षण किया।

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