देश की खबरें | वायरस के नए स्वरूप के उभरने से संभावित टीकों के विकास पर नहीं पड़ेगा असर : सरकार
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर सरकार ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन में नए स्वरूप के कोरोना वायरस को लेकर चिंता करने या घबराने की कोई बात नहीं है। भारत में अब तक इस तरह का वायरस नहीं मिला है और इसके स्वरूप में भी कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस (सार्स कोव-दो स्ट्रेन) के नए स्वरूप से टीकों के विकास पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

पॉल ने कहा, ‘‘अब तक उपलब्ध आंकड़ों, विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन और सतर्क रहना पड़ेगा। हमें समग्र प्रयासों से इस नयी चुनौती से निपटना होगा। ’’

उन्होंने कहा कि वायरस के स्वरूप में बदलाव के मद्देनजर उपचार को लेकर दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं किया गया है और खास कर देश में तैयार किए जा रहे टीकों पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा।

पॉल ने कहा कि स्वरूप में बदलाव से वायरस ज्यादा संक्रामक हो सकता है। यह जल्दी संक्रमण फैला सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस 70 गुना ज्यादा संक्रमण फैलाता है। एक तरीके से कह सकते हैं कि यह ‘सुपर स्प्रेडर’ है लेकिन इससे मृत्यु, अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं बढ़ता है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह तेजी से लोगों में संक्रमण फैलाता है।’’

पॉल ने कहा ब्रिटेन में कोरोना वायरस के स्वरूप में बदलाव के मद्देनजर सरकार ने कई कदम उठाए हैं । ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों से संपर्क किया जाएगा और उनकी जांच करायी जाएगी। इसके अलावा ब्रिटेन से यात्रा पर भी अस्थायी तौर पर रोक लगायी गयी है।

पॉल ने कहा, ‘‘एक महत्वपूर्ण फैसले में हमारी निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं में हाल में आए वायरस के सभी नमूनों में कल से आनुवांशिक अनुक्रमण का पता लगाया जा रहा है। इसमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) भी शामिल है और व्यापक स्तर पर यह काम किया जा रहा है।’’

उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और मास्क पहनने, उचित दूरी बनाए रखने जैसे नियमों का कड़ाई से पालन करने का अनुरोध किया।

पिछले कुछ दिनों में ब्रिटेन से आए लोगों के संबंध में सरकार क्या कदम उठा रही है,इस बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि आव्रजन ब्यूरो 25 नवंबर और 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से आए लोगों के नाम राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा करेगा। राज्य के निगरानी अधिकारी संपर्क कर जांच करावाएंगे और नतीजों के हिसाब से कदम उठाए जाएंगे।

कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मंगलवार को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें संस्थानिक पृथक-वास केंद्र में भेजना चाहिए।

भूषण ने कहा कि मध्य सितंबर के बाद से कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है।

भूषण ने कहा, ‘‘पिछले सात दिनों में भारत में प्रति दस लाख आबादी पर संक्रमण के 124 मामले आए हैं जबकि वैश्विक स्तर पर 588 मामले आए हैं। पिछले सात दिनों में प्रति दस लाख आबादी पर दो लोगों की मौत हुई है जबकि विश्व स्तर पर 10 मौतें हुई हैं।’’

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