जरुरी जानकारी | कंपनियों के तिमाही नतीजे तय करेंगे बाजार की दिशा : विश्लेषक
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कंपनियों के तिमाही परिणाम इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा डेरिवेटिव्स निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर कंपनियों के तिमाही परिणाम इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा डेरिवेटिव्स निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा वैश्विक बाजारों के रुख से भी स्थानीय बाजार दिशा लेंगे।
स्वस्तिका इनवेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘यदि हम अगले सप्ताह के लिए संकेतकों की बात करें, तो कंपनियों के तिमाही नतीजे और अक्टूबर माह के वायदा एवं विकल्प निपटान से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है।’’
मीणा ने कहा कि सोमवार को बाजार रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक के नतीजों पर प्रतिक्रिया देगा।
उन्होंने बताया कि सप्ताह के दौरान टेक महिंद्रा, अंबुजा सीमेंट, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, अडाणी पोर्ट्स, एलएंडटी, बजाज ऑटो, आईटीसी, मारुति सुजुकी, डीएलएफ, इंडिगो और टाटा पावर के तिमाही नतीजे आएंगे।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘सोमवार को बाजार रिलायंस और आईसीआईसीआई बैंक के नतीजों पर प्रतिक्रिया देगा। इसके अलावा वैश्विक रुख पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी।’’
आईसीआईसीआई बैंक का सितंबर तिमाही का एकल शुद्ध लाभ 5,511 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। डूबा कर्ज घटने से बैंक का शुद्ध लाभ बढ़ा है। बैंक का तिमाही नतीजा शनिवार को आया था।
अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का सितंबर तिमाही का शुद्ध लाभ 43 प्रतिशत बढ़ा है। कंपनी का तिमाही परिणाम शुक्रवार को आया था।
सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार को कुछ संघर्ष करना पड़ेगा और यह सीमित दायरे में रहेगा। मासिक निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है।’’
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 484.33 अंक या 0.79 प्रतिशत नीचे आया।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘इस सप्ताह घरेलू बाजारों की निगाह कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों पर रहेगी। यदि नतीजे अनुकूल नहीं रहते हैं, तो लघु अवधि में बाजार में और गिरावट आ सकती है।‘‘
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