मुंबई, तीन नवंबर भारतीय टीम घरेलू सरजमीं पर स्पिनरों की मददगार पिचों पर खेलना पसंद करती है लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला के दौरान पुणे और यहां खेले गये आखिरी दो मैचों में उसकी यह योजना बुरी तरह से विफल रही।
भारत पिछले 12 साल से स्पिनरों की माकूल पिच पर घरेलू टेस्ट श्रृंखला में अजेय था लेकिन न्यूजीलैंड ने रविवार को तीसरे टेस्ट में 25 रन से उसे हराकर तीन मैचों की श्रृंखला में 3-0 से सूपड़ा साफ किया।
बेंगलुरु में तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर टीम की पहली पारी महज 46 रन पर सिमटी जबकि पुणे और मुंबई में भारतीय बल्लेबाज न्यूजीलैंड के फिरकी गेंदबाजों की काट ढूढने में विफल रहे।
रोहित से मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में जब पूछा गया कि क्या टीम को स्पिनरों की मददगार पिच पर खेलने की अपनी योजना के बारे में फिर से विचार करना चाहिये तो उन्होंने कहा, ‘‘ किस तरह की पिच पर खेलना है यह बहुत पहले से तय नहीं होता है। यह श्रृंखला दर श्रृंखला तय होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम ने इंग्लैंड के खिलाफ बेहतरीन पिचों पर खेला है और इस बार हमें लगा कि टीम के लिए यह सही होगा।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ टीम ज्यादातर मौके पर सफल रही है लेकिन यह इकलौता मौका है जब हम इस श्रृंखला से जो हासिल करना चाहते थे उसमें हम पीछे रह गए हैं।’’
पिच को लेकर रोहित की स्वीकारोक्ति पूर्व खिलाड़ी और टीम के सहायक कोच अभिषेक नायर द्वारा मुंबई टेस्ट से पहले कही गई बात के विपरीत थी।
नायर से मुंबई में खेले गये तीसरे टेस्ट से पहले कहा था, ‘‘मैं चाहता हूं कि हम पिचों को क्यूरेट कर सकें, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं। क्यूरेटर ऐसा करते हैं। हमें जो भी पिच मिलती है हम उस पर खेलते है अब चाहे वह सीम वाली पिच हो या टर्न लेने वाली पिच हो।’’
भारत को इस श्रृंखला में पुणे में 113 मुंबई में 25 रन की हार के साथ बड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
भारतीय कप्तान ने गौतम गंभीर (मुख्य कोच) के नेतृत्व में टीम के नए कोचिंग स्टाफ का बचाव किया, जिसमें नायर, रयान टेन डोएशे (नीदरलैंड्स), मोर्ने मोर्कल (दक्षिण अफ्रीका) और टी दिलीप शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘ वे अभी-अभी टीम से जुड़े है। वे समझ रहे हैं कि यह टीम और खिलाड़ी कैसे काम करते हैं। उनकी आने के बाद यह टीम की की दूसरी श्रृंखला है। यह खिलाड़ी की जिम्मेदारी है कि वह अपना काम करे । टीम के सहयोगी सदस्यों को चार-पांच महीने ही हुए है और ऐसे में कुछ आंकना जल्दबाजी होगी।’’
रोहित ने स्वीकार किया कि जीत के लिए 147 रन का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजों ने खराब शॉट चयन कर 29 रन पर पांच विकेट गंवा दिये।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी शुरुआत उम्मीद के मुताबिक नहीं थी। जब आप इस तरह के लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं, तो आप गेंदबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश करना चाहते हैं। आप गेंदबाजों को एक विशेष स्लॉट पर गेंदबाजी करने की अनुमति नहीं दे सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक खराब शॉट खेला लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मुझे इसका अफसोस नहीं है क्योंकि इससे मुझे अतीत में काफी सफलता मिली है। मैं ऐसा करना जारी रखूंगा।’’
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