जरुरी जानकारी | देश की आर्थिक वृद्धि दर मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत, समूचे वित्त वर्ष में 8.2 प्रतिशत रही

नयी दिल्ली, 31 मई देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर जनवरी-मार्च के दौरान पिछली चार तिमाहियों में सबसे कम 7.8 प्रतिशत रही। इसके बावजूद विनिर्माण क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन से वित्त वर्ष 2023-24 में वार्षिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत पर पहुंच गई।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को देश की अर्थव्यवस्था से संबंधित ये आंकड़े जारी किए। वित्त वर्ष 2022-23 में देश की अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।

एनएसओ ने कहा, "वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान वास्तविक जीडीपी में वृद्धि की दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि 2022-23 में यह सात प्रतिशत थी।"

इस तेजी के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था मार्च, 2024 के अंत में 3.5 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गई और अगले कुछ वर्षों में इसके पांच लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का मंच तैयार हो चुका है।

आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2024 में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2023 में यह 8.6 प्रतिशत रही थी। वहीं जुलाई-सितंबर 2023 में यह 8.1 प्रतिशत और अप्रैल-जून, 2023 की तिमाही में 8.2 प्रतिशत थी।

वहीं वित्त वर्ष 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही थी।

इस तेजी के साथ भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। चीन की अर्थव्यवस्था इस साल जनवरी-मार्च के दौरान 5.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी।

एनएसओ ने फरवरी में जारी अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि 7.7 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी।

एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, वास्तविक जीडीपी यानी स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद 2023-24 में 173.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी का पहला संशोधित अनुमान (एफआरई) 160.71 लाख करोड़ रुपये है।

एनएसओ के मुताबिक, मौजूदा कीमतों पर जीडीपी वित्त वर्ष 2023-24 में 295.36 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है जबकि वर्ष 2022-23 में यह 269.50 लाख करोड़ रुपये थी। यह 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है।

बीती मार्च तिमाही में देश की वास्तविक जीडीपी 47.24 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 43.84 लाख करोड़ रुपये थी। यह 7.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है।

वहीं मार्च तिमाही में देश की मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 9.9 प्रतिशत बढ़कर 78.28 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि एक साल पहले यह 71.23 लाख करोड़ रुपये थी।

मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष 2023-24 में वास्तविक जीवीए (सकल मूल्य-वर्द्धन) 158.74 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2022-23 के पहले संशोधित अनुमान 148.05 लाख करोड़ रुपये से 7.2 प्रतिशत अधिक है।

विनिर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि मार्च तिमाही में बढ़कर 8.9 प्रतिशत हो गई जबकि साल भर पहले यह 0.9 प्रतिशत रही थी।

चौथी तिमाही में खनन क्षेत्र की जीवीए वृद्धि 4.3 प्रतिशत रही जो एक साल पहले की समान तिमाही में 2.9 प्रतिशत थी।

निर्माण क्षेत्र में तिमाही के दौरान 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2022-23 की इसी अवधि में 7.4 प्रतिशत थी।

इस दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर साल भर पहले के 7.6 प्रतिशत से घटकर 0.6 प्रतिशत रह गई।

बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य जन केंद्रित सेवा क्षेत्रों में चौथी तिमाही के दौरान 7.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 7.3 प्रतिशत थी।

सेवा क्षेत्र- व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं में जीवीए वृद्धि दर चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह सात प्रतिशत थी।

वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में मार्च तिमाही में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 9.2 प्रतिशत थी।

लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं पिछली तिमाही के दौरान 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ीं जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

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