विदेश की खबरें | अमेरिका की जनता ने एक बार फिर साबित किया; हम कौन हैं बाइडन
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मतदान के जरिए अमेरिका की जनता ने एक बार फिर साबित कर दिए कि हम कौन हैं।
वाशिंगटन, 10 नवंबर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि मतदान के जरिए अमेरिका की जनता ने एक बार फिर साबित कर दिए कि हम कौन हैं।
बाइडन ने उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी के मध्यावधि चुनाव में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करने के बाद यह बयान दिया।
रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी 100 सदस्य-अमेरिकी सीनेट में 48-48 सीट पर है, जबकि प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी की 183 सीट के मुकाबले रिपब्लिकन पार्टी 207 सीट के साथ आगे है।
रिपब्लिकन पार्टी के 218 का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है, लेकिन मध्यावधि चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 250 सीट पाने की उम्मीद बहुत कम है।
कई दशकों में किसी भी मौजूदा राष्ट्रपति का मध्यावधि चुनाव में यह बेहतरीन प्रदर्शन है।
बाइडन ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह अपनी नीतियों पर कायम रहेंगे जो ‘‘अभी तक कामयाब’’ साबित हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अभी तक पूरे परिणाम नहीं आए हैं... मीडिया व विशेषज्ञ रिपब्लिकन के बेहतरीन प्रदर्शन का पूर्वानुमान लगा रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे पता है कि आप मेरे निरंतर आशावादी रवैये से कुछ नाराज थे, लेकिन मैं इस पूरी प्रक्रिया के दौरान खुश था। मुझे लगता है कि हम अच्छा करेंगे।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ किसी भी सीट पर हार दुखद है, कई अच्छे डेमोक्रेटिक उम्मीदवार नहीं जीते... हालांकि पिछले 40 साल में किसी भी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति के शासनकाल की तुलना में प्रतिनिधि सभा में हम कम सीट हारे.. आखिरी बार 1986 में मध्यावधि चुनाव में हमारा प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा था।’’
अमेरिकी संसद भवन (कैपिटल हिल) में छह जनवरी को हुए हमले पर बाइडन ने कहा कि गृहयुद्ध के बाद से ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ।
गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन नवंबर 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। ट्रंप के इन आरोपों के बीच उनके समर्थकों ने छह जनवरी को संसद भवन परिसर में कथित तौर पर हिंसा की थी।
बाइडन ने कहा, ‘‘ गृहयुद्ध के बाद से ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ। मैं ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर बात नहीं करना चाहता, पर वास्तव में गृहयुद्ध (1861-1865) के बाद से ऐसा कभी कुछ नहीं हुआ। ’’
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