ठाकरे, गोरे विधान परिषद चुनाव में शिवसेना से उम्मीदवार
दरअसल ठाकरे न तो विधानसभा के सदस्य हैं और न ही विधान परिषद के इसलिए उन्हें किसी एक सदन की सदस्यता हासिल करनी जरूरी है। संविधान के अनुसार पद ग्रहण करने के छह माह के भीतर उनका विधानसभा या विधान परिषद दोनों में से किसी एक का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी है और ऐसा नहीं कर पाने की हालत में उन्हें पद त्यागना होगा।
मुंबई, चार मई महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना ने राज्य विधान परिषद की नौ सीटों के लिए 21 मई को होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पार्टी की वरिष्ठ नेता नीलम गोरे की उम्मीदवारी पर मोहर लगा दी है।
दरअसल ठाकरे न तो विधानसभा के सदस्य हैं और न ही विधान परिषद के इसलिए उन्हें किसी एक सदन की सदस्यता हासिल करनी जरूरी है। संविधान के अनुसार पद ग्रहण करने के छह माह के भीतर उनका विधानसभा या विधान परिषद दोनों में से किसी एक का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी है और ऐसा नहीं कर पाने की हालत में उन्हें पद त्यागना होगा।
पार्टी के एक नेता ने कहा,‘‘ठाकरे और गोरे दो सीटों के लिए शिवसेना के उम्मीदवार होंगे। हम उनके निर्विरोध निर्वाचन के प्रयास कर रहे हैं। महाविकास अघाड़ी की वर्तमान संख्या को देखते हुए हम ऊपरी सदन में दो उम्मीदवारों को आसानी से चुन सकते हैं।’’
गोरे विधान परिषद की उप सभापति हैं।
शिव सेना नेता ने बताया कि ठाकरे अगले कुछ दिन में नामांकन दाखिल करेंगे।
चुनाव आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 11 मई है और नामांकन वापस लेने के अंतिम तारीख 14 मई है।
राज्य विधान में 288 सीटें हैं जिसमें भाजपा 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के क्रमश: 56, 54 और 44 विधायक हैं।
भाजपा विधान परिषद चुनाव में अपने चार उम्मीदवारों को जिताने की जुगत में लगी है।
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