मुंबई, 26 नवंबर : बॉलीवुड के ‘शहंशाह’ अमिताभ बच्चन ने “तीन दिनों तक खिंची स्याह रात” को याद करते हुए शुक्रवार को कहा कि 26/ 11 आतंकवादी हमला लंबे समय तक जहन में रहने वाला और “उपमहाद्वीप को अब भी निराश करने वाला अशांत इतिहास” बन गया है. बच्चन ने मुंबई में 60 घंटे तक चले आतंकवादी हमले की 13वीं बरसी पर ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार में लिखा कि आतंकवाद की किसी भी कार्रवाई को “हमारी कहानियों के परस्पर संबद्ध” और “हमारी बहुसंख्यक एकता” को बर्बाद करने की ताकत नहीं मिलनी चाहिए. मुंबई में हुए इस हमले में 166 लोग मारे गए थे जब पाकिस्तान से 10 आतंकवादी समुद्री मार्ग से शहर में घुस आए थे. भारत की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में से एक बच्चन ने कहा कि भारत ने हमले के बाद "उल्लेखनीय संयम और धैर्य" के साथ काम लिया.
उन्होंने कहा, “अत्यधिक दबाव के बावजूद, वह पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की उत्तेजना के आगे नहीं झुका - मोहम्मद अजमल कसाब के पकड़े जाने और डेविड हेडली के खुलासों से पाकिस्तान की सैन्य समर्थित आईएसआई प्रतिष्ठान में उसके नियंत्रण के बाहर राज्येतर तत्वों के होने की जानकारी होने के बाद भी, और पाकिस्तान को शर्मसार करने में भी भारत ने कोई कसर नहीं छोड़ी.” बच्चन (79) ने "खुद को भय से विकृत और परिभाषित" तथा "संदेह" की नजर से देखने के खिलाफ आगाह किया. उन्होंने लिखा, “सच्चाई यह है कि 26/ 11 लंबे समय तक जहन में रहने वाला है और यह ऐसा अशांत इतिहास बन गया है जिसके जख्म अब भी हमारे उपमहाद्वीप के जहन में हरे हैं.” यह भी पढ़ें : UP Assembly Elections 2022: अखिलेश यादव ने रचा योगी आदित्यनाथ के लिए चक्रव्यूह, BJP के कई पुराने साथी भी दे रहे है साथ
अपने दुर्लभ, समाचार पत्र लेख में, अभिनेता ने कहा कि हम जो कहानियां सुनाते हैं, वे अक्सर हमसे बड़ी हो सकती हैं, "... सीमाओं के पार से, कभी क्रिकेट के जरिए, कभी फिल्म के माध्यम से.” अपनी इस बात को साबित करने के लिए उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान और बाबर आजम से गले मिलने का, फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ आदि का उदाहरण दिया.