ताजा खबरें | प्रधानमंत्री की रैलियों में नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी पर तेजस्वी ने साधा निशाना

पटना, 16 अप्रैल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी चुनावी रैलियों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब साथ नहीं ले जाना चाहती है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गया और पूर्णिया में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगलवार को संबोधित की गई रैलियों में नीतीश कुमार की अनुपस्थिति का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की।

बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे यादव ने पूछा, “नीतीश कुमार जी कहां हैं…भाजपा उन्हें अपनी रैलियों में क्यों नहीं आमंत्रित कर रही है? मंगलवार को प्रधानमंत्री की किसी भी रैली में वह नजर नहीं आए। मेरे मन में अभी भी मुख्यमंत्री के लिए सम्मान है...अब भाजपा उनकी वर्तमान सहयोगी है उसे इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।"

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के इस आरोप पर भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की कि राजद विकास के खिलाफ है।

राजद के चुनाव चिह्न लालटेन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने पूछा था कि क्या इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए किया जा सकता है।

यादव ने कहा, “इसका क्या मतलब है? क्या कीचड़ में खिलने वाले कमल (भाजपा चुनाव चिन्ह) का उपयोग मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए किया जा सकता है।" इससे पहले दिन में गया में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राजद और कांग्रेस सहित विपक्षी नेताओं पर संविधान के साथ राजनीति करने का आरोप लगाया था।

प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि राजद "भ्रष्टाचार और गुंडा राज" का प्रतीक है।

मोदी ने कहा, "राजद ने बिहार को केवल दो चीजें दी हैं - जंगल राज और भ्रष्टाचार...राजद शासन के दौरान भ्रष्टाचार एक उद्योग की तरह फला-फूला। बिहार के युवा कभी भी राजद को वोट नहीं देंगे।"

राजद नेता ने कहा, ''संविधान हमारे लिए पवित्र दस्तावेज है, भाजपा नेताओं के लिए नहीं। लगभग सभी भाजपा उम्मीदवार कह रहे हैं कि जब मोदी जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे तो पार्टी संविधान बदल देगी...प्रधानमंत्री अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं?'' उन्होंने कहा, “आप लोगों को ये सवाल प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए कि वह महंगाई, युवाओं को रोजगार देने, गरीबी कम करने, स्मार्ट सिटी, काला धन भारत वापस लाने के बारे में क्यों बात नहीं कर रहे हैं, वे केवल 'हिंदू-मुस्लिम' के बारे में बात करते हैं। हम युवाओं के बीच 'कलम' बांटने की बात करते हैं, वहीं प्रधानमंत्री समेत भाजपा के नेता नौकरी चाहने वालों को तलवार देने की बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को इतिहास-भूगोल समझाने के बजाय जनता से जुड़े मुद्दों पर बात करनी चाहिए। वे (भाजपा) उन सवालों से बच नहीं सकते जो आम जनता से संबंधित हैं।"

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