देश की खबरें | स्थायी शिक्षकों का शिक्षण-अधिगम कार्यभार यूजीसी के मानदंडों के अनुरूप हो: डीयू

नयी दिल्ली, 18 जून दिल्ली विश्वविद्यालय ने विभिन्न विभागों के प्रमुखों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी स्थायी शिक्षकों का शिक्षण-अधिगम कार्यभार (टीचिंग-लर्निंग वर्कलोड) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के अनुरूप हो।

विश्वविद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार ने 16 जून को लिखे एक पत्र में, विभागों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि एक तदर्थ या अतिथि संकाय की आवश्यकता स्थायी शिक्षकों की समय-सारिणी और शिक्षण-अधिगम कार्यभार द्वारा समर्थित होनी चाहिए।

अकादमिक परिषद के एक सदस्य के अनुसार, यह कदम इसलिए उठाया गया, क्योंकि कई स्थायी शिक्षक तदर्थ शिक्षकों को अपनी कक्षाएं लेने के लिए कहते हैं।

‘विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों तथा अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के उपाय, 2018 पर यूजीसी विनियम’ के खंड 15 के प्रावधानों के अनुसार, स्थायी शिक्षकों का कार्यभार एक शैक्षणिक वर्ष में तीस कार्य सप्ताहों के लिए सप्ताह में चालीस घंटे से कम नहीं होना चाहिए।

नियमों के अनुसार, शिक्षक को विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में प्रतिदिन कम से कम पांच घंटे उपलब्ध होना चाहिए।

इस बीच, दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर मनोज कुमार ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह तदर्थ शिक्षकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को समाप्त कर देगा।

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