जरुरी जानकारी | आने वाले महीनों में भी कर संग्रह में वृद्धि जारी रहेगी: विशेषज्ञ

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. आयकर संग्रह में वृद्धि का चलन आने वाले महीनों में भी जारी रहने का अनुमान है। इसकी वजह यह है कि अनुपालन बेहतर हुआ है, कॉरपोरेट जगत का लाभ बढ़ा है और त्योहारी सीजन में कारोबार में भी वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का ऐसा मत है।

नयी दिल्ली, 25 सितंबर आयकर संग्रह में वृद्धि का चलन आने वाले महीनों में भी जारी रहने का अनुमान है। इसकी वजह यह है कि अनुपालन बेहतर हुआ है, कॉरपोरेट जगत का लाभ बढ़ा है और त्योहारी सीजन में कारोबार में भी वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का ऐसा मत है।

देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने की वजह से कॉरपोरेट कर और निजी आयकर संग्रह में चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि देखने को मिली है। अप्रैल से सितंबर मध्य की अवधि में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 30 प्रतिशत बढ़कर 8.36 लाख करोड़ रुपये रहा है।

डेलॉयट इंडिया में भागीदार रोहिंग्टन सिधवा ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी के अलावा कर संग्रह में वृद्धि की वजह अनुपालन बढ़ना है जो रिर्टन की संख्या से जाहिर है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी उम्मीद है कि कर संग्रह में वृद्धि का चलन अभी के लिए जारी रहेगा। पिछली तिमाही के कॉरपोरेट कर रिटर्न अभी भरे नहीं गए हैं लेकिन अग्रिम कर संग्रह के मजबूत रूझान से संग्रह बढ़ने के संकेत मिलते हैं।’’

ईवाई इंडिया के कर एवं नियामकीय सेवाओं के भागीदार सुधीर कपाड़िया ने कहा कि कॉरपोरेट जगत की लाभदायक वृद्धि बढ़ी है, इसकी वजह कुछ हद तक ऊंची मुद्रास्फीति चलते उपभोक्ता कीमतें बढ़ना है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था की कुल वृद्धि और कर प्रशासन के बढ़ते डिजिटलीकरण से अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा लगातार कर दायरे में आता जा रहा है।’’

एक अप्रैल से 17 सितंबर के बीच मिले 8.36 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह में 4.36 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर और 3.98 लाख करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर शामिल है। 1.35 लाख करोड़ रुपये के जो रिफंड जारी किए गए उन्हें इस कुल राशि में से काट देने पर भी शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 23 प्रतिशत की बढ़ेातरी के साथ सात लाख करोड़ रुपये है।

शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी में साझेदार अमित सिंघानिया ने कहा, ‘‘आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए कहा जा सकता है कि कर संग्रह में वृद्धि का चलन जारी रहने वाला है। हालांकि, घरेलू और वैश्विक स्तर पर दामों में वृद्धि का जोखिम भी बना हुआ है।’’

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि क्रिप्टो कर लगाए जाने से करदाताओं की संख्या बढ़ी है और कर आधार बढ़ा है जिसके परिणामस्वरूप कर संग्रह में भी वृद्धि हुई है।

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