जरुरी जानकारी | दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए टाटा पावर डीडीएल, बीएसईएस ने कसी कमर

नयी दिल्ली, आठ अप्रैल शहर में बिजली वितरण करने वाली प्रमुख कंपनियों टाटा पावर डीडीएल और बीएसईएस ने सोमवार को कहा कि वे गर्मियों में अधिकतम मांग से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग इस साल गर्मियों में 8,000 मेगावाट के पार हो जाने की संभावना के बीच उन्होंने यह बात कही है।

दिल्ली के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़ों के अनुसार शहर में बिजली की अधिकतम मांग 2024 में 8,000 मेगावाट को पार करते हुए पहली बार 8,200 मेगावाट तक जा सकती है। इससे पहले, दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग 2022 में 7,695 मेगावाट और पिछले साल 7,438 मेगावाट थी।

उल्लेखनीय है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश में अप्रैल-जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी पड़ने का अनुमान जताया है।

बिजली की मांग के बारे में बीएसईएस प्रवक्ता ने कहा कि बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी पावर लि.) का दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिल्ली में 2024 में बिजली की मांग करीब 3,679 मेगावाट रहने का अनुमान है। वहीं बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना पावर लि.) के क्षेत्र पूर्वी और मध्य दिल्ली में इसके 1,857 मेगावाट रहने की संभावना है। जबकि 2023 में यह मांग क्रमश 3,250 मेगावाट और 1,670 मेगावाट थी।

उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर डीडीएल) ने बयान में कहा कि उसके क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग इस साल गर्मियों में 2,351 मेगावाट पहुंचने का अनुमान है जो पिछले साल गर्मियों में (अगस्त 2023 में) 2,218 मेगावाट थी।

टाटा पावर डीडीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गणेश श्रीनिवासन ने कहा, “ जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, हमने उसे देखते हुए अपने क्षेत्र में इस मौसम में अधिकतम मांग 2,351 मेगावाट के स्तर तक पहुंचने का अनुमान लगाया है और हम इस मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने अपने नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने और प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने पर भी निवेश किया है ताकि बिना किसी बाधा के परिचालन जारी रहे। हमने अपने पूरे वितरण नेटवर्क में सुरक्षा उपायों और रखरखाव गतिविधियों पर जोर दिया है। साथ ही, सब-स्टेशनों पर ‘लोड’ को संतुलित किया है...।’’

बीएसईएस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बीएसईएस वितरण कंपनियां अपने क्षेत्रों में 50 लाख उपभोक्ताओं और दो करोड़ निवासियों की बिजली मांग को पूरा करने के लिए भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं। इन व्यवस्थाओं में अन्य राज्यों के साथ दीर्घकालिक पीपीए (बिजली खरीद समझौता) और बिजली की मांग का सटीक अनुमान लगाने के लिए कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग जैसी नवीनतम तकनीकों का उपयोग शामिल है।’’

प्रवक्ता ने कहा कि बीएसईएस क्षेत्र में गर्मी के महीनों के दौरान विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करने में लगभग 2,100 मेगावाट हरित बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसमें सेकी (सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि.) से लगभग 888 मेगावाट सौर ऊर्जा, 500 मेगावाट पवन ऊर्जा, कचड़े से बिजली बनाने के संयंत्रों से 40 मेगावाट बिजली शामिल हैं।’’

टाटा पावर डीडीएल ने कहा कि वह निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी ने कहा कि वह किसी भी अप्रत्याशित जरूरत की स्थिति में बिजली बाजार से अल्पकालिक बिजली खरीदेगी।

बयान के अनुसार रोहिणी और रानी बाग में कंपनी की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) गर्मी के महीनों में किसी भी आपात स्थिति के दौरान प्रमुख ग्राहकों को निरंतर और भरोसेमंद बिजली प्रदान करने में सहायता करेगी।

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