देश की खबरें | राजस्थान में तपा थार : तपती आंधियों के बीच बिजली और पानी संकट
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. रातस्थान में 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म तेज हवाओं के बीच बिजली और पानी के संकट ने प्रदेश के कई हिस्सों में लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इससे न केवल आम लोग बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी चिंतित हैं कि अगर वैसाख में यह हाल है तो गर्मी का महीना कहे जाने वाले जेठ और आषाढ़ में कहा होगा।
जयपुर, दो मई रातस्थान में 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म तेज हवाओं के बीच बिजली और पानी के संकट ने प्रदेश के कई हिस्सों में लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इससे न केवल आम लोग बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी चिंतित हैं कि अगर वैसाख में यह हाल है तो गर्मी का महीना कहे जाने वाले जेठ और आषाढ़ में कहा होगा।
पिछले कई दिनों से राज्य के अधिकांश हिस्सों में दिन का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ा हुआ है और पेयजल की कमी के साथ-साथ बिजली कटौती भी जारी है । राज्य में बिजली की मांग 35 प्रतिशत तक बढ़ी है और राजधानी जयपुर सहित सभी इलाकों में कटौती की जा रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से बिजली और पानी बचाने की अपील की है। गहलोत ने सोमवार को ट्वीट किया, 'मई-जून माह में पड़़ने वाली भीषण गर्मी अप्रैल माह से ही प्रारम्भ हो गई। वर्तमान में पूरा देश बिजली संकट से जूझ रहा है। राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है। मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ा है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से खरीद के लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं है।'
गहलोत के अनुसार, 'पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भी राज्य सरकार अपना पूरा प्रयास कर रही है। आप सभी से अपील है कि बिजली, पानी का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें। बिजली बचाएं - पानी बचाएं।'
गहलोत के अनुसार मार्च-अप्रैल से ही भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग 35 प्रतिशत तक बढ़ी है और देश के 16 राज्यों में 2 घंटे से 10 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है।'
उन्होंने कहा है कि राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में रोस्टर सिस्टम के अनुसार बिजली कटौती होती है और उद्योगों में 50 प्रतिशत तक बिजली कटौती के आदेश जारी किए गए है, हालांकि, आवश्यक सेवाओं को बिजली कटौती से पूरी तरह छूट दी गई है।
राज्य के अनेक हिस्सों में पेयजल आपूर्ति संकट का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि आकस्मिक योजना के अनुसार कार्य करने के लिए जिला कलेक्टर अधिकृत हैं।
उन्होंने बताया कि 4142 गांवों और 43 शहरी क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अनावश्यक रूप से एयर कंडीशनर इस्तेमाल से बचने की अपील की है।
राज्य के प्रमुख सचिव ऊर्जा व डिस्कॉम के अध्यक्ष भास्कर ए सावंत ने कहा, “कोरोना महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों बहाल होने, (पानी) पंपिंग लोड और घरेलू खपत में वृद्धि बिजली की मांग में बढ़ोतरी के मुख्य कारण हैं।”
उन्होंने कहा कि गर्मी ने मार्च में बढ़ना शुरू किया जिसने अप्रैल के आखिर तक रौद्र रूप धारण कर लिया। उन्होंने कहा कि बिजली की मांग में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में 31 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है जो इस समय 35 प्रतिशत तक बढ़ गयी है।
राज्य के अधिकांश हिस्से बीते कई दिनों से तेज लू की चपेट में थे। हालांकि रविवार को पश्चिमी विक्षोभ के कारण आए अंधड़ से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'मार्च और अप्रैल में कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं था और हवा का पैटर्न भी चक्रवात रोधी था। हवा में नमी कम हुई और आसमान भी साफ रहा। इन सभी हालात के कारण तापमान बढ़ा।'
हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण गरज के साथ बौछारें पड़ने से रविवार को तापमान कुछ डिग्री कम हुआ है। रविवार को राज्य में सबसे अधिक तापमान बीकानेर में 47.1 डिग्री दर्ज किया गया।
विभाग का कहना है कि राज्य में नए पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव आगामी तीन दिन तक रहेगा और इससे बीकानेर, जोधपुर तथा जयपुर संभाग के जिलों में अगले 48 घंटों के दौरान 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी तेज हवाएं चलने की संभावना है, वहीं कई इलाकों में मेघगर्जन के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश/ बूंदाबांदी होने व अचानक तेज हवाएं चलने का अनुमान है।
मौसम विभाग के प्रवक्ता के अनुसार तापमान में सोमवार से 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने से गर्म हवाओं से अगले चार-पांच दिनों मे राहत मिलने की उम्मीद है ।
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