चेन्नई, 14 अगस्त मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के इच्छुक 19-वर्षीय जगतेश्वरन को आखिरी क्षण तक राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में सफल होने की उम्मीद थी, लेकिन अचानक उसने अपना निर्णय बदला और आत्महत्या कर ली।
इस घटना से पूरे तमिलनाडु में लोग सदमे में हैं। जगतेश्वरन के पिता भी अपने बेटे की मौत से उबर नहीं पाए और उन्होंने भी अपनी जान दे दी।
आत्महत्या से कुछ घंटे पहले तक जगतेश्वरन अपने तीसरे प्रयास में परीक्षा पास करने को लेकर पूर्णतया आश्वस्त था और उसने अपने पिता को यहां एक कोचिंग सेंटर में फीस का भुगतान करने के लिए मना लिया।
जगतेश्वरन के पिता पी. सेल्वाशेखर ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मैंने यह भी सुझाव दिया था कि वह पढ़ाई के लिए अपने भाई के साथ विदेश जाए, लेकिन उसने कहा कि वह फिर से परीक्षा देगा और अर्हता अंक प्राप्त कर लेगा तथा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेगा।’’ सेल्वाशेखर अकेले ही अपने बच्चों की परवरिश कर रहे थे और पेशे से ‘इवेंट’ फोटोग्राफर थे।
लेकिन शनिवार की रात को जब फोन पर सेल्वाशेखर का अपने बेटे से संपर्क नहीं हो पाया तो उन्होंने अपने एक दोस्त और एक फोटोग्राफर सहयोगी से मदद मांगी और यह पता करने को कहा कि उनके बेटे ने उनके फोन कॉल का जवाब क्यों नहीं दिया।
जगतेश्वरन को यहां क्रोमपेट के कुरिंजी नगर स्थित मकान में फंदे से लटका हुआ पाया गया था। पुलिस ने बताया कि उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस ने बताया कि 48-वर्षीय सेल्वाशेखर अपने बेटे की मौत का गम बर्दाश्त नहीं कर पाए और बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद रविवार रात उन्होंने भी अपने घर में फंदे से लटककर जान दे दी।
घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन पुलिस की पूछताछ से पता चला कि जगतेश्वरन ने 2021 में सीबीएसई स्कूल से 12वीं पास की थी और 500 में से 427 अंक हासिल किए थे। इसके बाद वह दो बार नीट की परीक्षा में बैठा, लेकिन असफल रहा।
चितलापक्कम पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है।
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