देश की खबरें | उच्चतम न्यायालय के फैसले ने लोकतंत्र में भरोसा बहाल किया : उद्धव ठाकरे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उनके नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गिरने के कारण उभरे राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के फैसले ने लोकतंत्र में भरोसा बहाल कर दिया है।
मुंबई, 11 मई शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उनके नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गिरने के कारण उभरे राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के फैसले ने लोकतंत्र में भरोसा बहाल कर दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि पिछले साल 30 जून को महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बुलाना सही नहीं था। हालांकि, न्यायालय ने पूर्व की स्थिति बहाल करने से इनकार करते हुए कहा कि ठाकरे ने शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
महाराष्ट्र में पिछले साल शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरने और फिर उत्पन्न राजनीतिक संकट से जुड़ी अनेक याचिकाओं पर सर्वसम्मति से अपने फैसले में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना का सचेतक नियुक्त करने का विधानसभा अध्यक्ष का फैसला ‘अवैध’ था।
ब्रांद्रा स्थित अपने ‘मातोश्री’ बंगले में उद्धव ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (शिंदे गुट के विधायकों ने) मेरी पार्टी और मेरे पिता की विरासत को धोखा दिया। तब मुख्यमंत्री पद से मेरा इस्तीफा देना भले ही कानूनी रूप से गलत हो सकता है, लेकिन मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पीठ में छुरा मारने वालों के साथ सरकार कैसे चला सकता था।’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘अगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस में नैतिकता है तो उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
ठाकरे ने कहा कि शिंदे धड़े के भरत गोगावाले को शिवसेना का सचेतक नियुक्त करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘अवैध’ करार देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले का फैसला करते समय सुनील प्रभु को शिवसेना का सचेतक मानकर चलना होगा।
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