नयी दिल्ली, 24 फरवरी. उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी के बीच 2020 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा ‘प्रारंभिक परीक्षा’ में अपना आखिरी मौका गंवा चुके अभ्यर्थियों को एक और अतिरिक्त अवसर देने का अनुरोध करने वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी.
शीर्ष न्यायालय के इस फैसले से यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के 10,000 से अधिक अथ्यर्थियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी. यह भी पढ़ें-UPSC Exam 2020: केंद्र ने कहा-यूपीएससी परीक्षा-2020 में अतिरिक्त अवसर देने का नकारात्मक असर होगा
पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका यह फैसला केंद्र सरकार को न्यायालय के समक्ष उल्लेख की गई समस्याओं से भविष्य में निपटने में अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करने से नहीं रोकता है.