भारतीय इंजीनियरों की भागीदारी सीमित करने वाले अंतरराष्ट्रीय तौर-तरीकों का अध्ययन करें:गोयल
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) से वैश्विक परियोजनाओं में भारतीय इंजीनियरिंग कंपनियों की भागीदारी सीमित करने वाले अंतरराष्ट्रीय तौर-तरीकों का अध्ययन करने को कहा।
नयी दिल्ली, 15 सितंबर: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) से वैश्विक परियोजनाओं में भारतीय इंजीनियरिंग कंपनियों की भागीदारी सीमित करने वाले अंतरराष्ट्रीय तौर-तरीकों का अध्ययन करने को कहा. उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय इंजीनियरों और कारोबारियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए इस शोध अध्ययन के आधार पर आगे की कार्रवाई पर गौर करेगी.
मंत्री ने इंजीनियरिंग समुदाय को 2030 तक इंजीनियरिंग सेवाओं, डिजाइन, निर्माण और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल करने के लिए भी कदम उठाने को कहा. उन्होंने यहां ‘डिजाइन, इंजीनियरिंग, निर्माण, अनुसंधान एवं विकास तथा पर्यावरण सेवाएं: सतत ऊर्जा, परिवहन और बुनियादी ढांचे पर वैश्विक सेवा निर्यात सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए यह बात कही. मंत्री ने भारतीय कंपनियों से वैश्विक स्तर पर विस्तार करने, नए बाजारों पर पकड़ मजबूत करने और एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग व गणित) स्नातकों की प्रतिभा का लाभ उठाकर अपने क्षेत्रों में अग्रणी वैश्विक कंपनियां बनने का आग्रह किया.
गोयल ने कहा, ‘‘ हम मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का उतना लाभ नहीं उठा पा रहे हैं जितना दूसरे देश उठा पा रहे हैं.’’
उन्होंने ‘सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) और ‘इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स’ (इंडिया) (आईईआई) से उन अंतरराष्ट्रीय तौर-तरीकों पर एक अध्ययन करने का आह्वान किया जो वैश्विक परियोजनाओं में भारतीय इंजीनियरिंग कंपनियों की भागीदारी को सीमित करती हैं.
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