इंदौर, 23 अप्रैल: कोविड-19 महामारी से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हिंसा के कृत्यों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) की मंजूरी पर यहां एक महिला डॉक्टर ने बृहस्पतिवार को प्रसन्नता जतायी. महिला डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों के उस दल में शामिल थी जिस पर शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में 22 दिन पहले पत्थर बरसाये गये थे.
घटना में महिला डॉक्टर और उनकी एक साथी चिकित्सक के पैरों में चोट आयी थी. यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गया था.
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पथराव की शिकार दो महिला डॉक्टरों में शामिल तृप्ति काटदरे (40) ने "पीटीआई-" से कहा, "नया कानूनी प्रावधान सरकार का एक अच्छा कदम है और इससे मुझ जैसे लाखों स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 से जंग में निश्चित तौर पर काफी मदद मिलेगी. मैं इस प्रावधान से खुश हूं."