दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करें राज्य : केन्द्र ने न्यायालय से कहा
केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सभी राज्यों को दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष दलों का गठन करना चाहिए और यह स्पष्ट देना चाहिए कि ‘‘लोगों की तकफीलों का व्यापार’’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
नयी दिल्ली, 10 मई : केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सभी राज्यों को दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष दलों का गठन करना चाहिए और यह स्पष्ट देना चाहिए कि ‘‘लोगों की तकफीलों का व्यापार’’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. न्यायालय में दायर एक हलफनामे में केन्द्र ने कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सभी राज्यों के औषधि नियंत्रकों को सूचित कर दिया है कि दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ रखें और कड़ी निगरानी रखने के साथ-साथ सख्त कार्रवाई भी करें.
हलफनामे के अनुसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए औषधि एवं प्रशासन कानून, आवश्यक वस्तु अधिनियम आदि संबंधित कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई करें. केन्द्र ने अपने हलफनामे में कहा, ‘‘कालाबाजारी की समस्या से आवश्यक रूप से पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन निपटता है. चूंकि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है, ऐसे में सभी राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि राज्य, जिला और तालुका स्तर पर गठित विशेष दल दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और स्पष्ट संदेश दें कि लोगों की तकफीलों का व्यापार किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’’ यह भी पढ़ें :
हलफनामे में कहा गया है कि देश भर में अभी तक ऐसे 157 मामलों में कार्रवाई की गयी है, जिसमें प्राथमिकी दर्ज करना और आरोपियों की गिरफ्तारी शामिल है. महामारी के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और सेवा बहाली के मुद्दे पर स्वतं: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 30 अप्रैल को दवाओं की कालाबाजारी का मुद्दा उठाया था.