जरुरी जानकारी | श्रीलंका का सुप्रीम कोर्ट 14 अक्टूबर को अदाणी पवन ऊर्जा मामले में सुनवाई करेगा

कोलंबो, दो अगस्त श्रीलंका का सर्वोच्च न्यायालय उत्तर-पूर्वी इलाके मन्नार में स्थित अदाणी समूह की पवन ऊर्जा परियोजना के खिलाफ दायर पांच मौलिक अधिकार याचिकाओं पर 14 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

श्रीलंका की शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को यह आदेश देते हुए प्रतिवादियों को 13 सितंबर से पहले आपत्तियां दर्ज कराने को कहा।

पर्यावरण से जुड़े गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने याचिकाएं दायर कर दावा किया है कि अदाणी समूह की यह परियोजना मन्नार की जैव विविधता को खतरे में डालती है और प्रवासी पक्षियों के लिए खतरा पैदा करती है।

वन्यजीव एवं प्रकृति संरक्षण सोसायटी ने सरकार, निवेश बोर्ड और केंद्रीय पर्यावरण प्राधिकरण सहित अन्य को प्रतिवादी के रूप में नामित करते हुए याचिका दायर की थी।

पर्यावरण अधिकार समूह ने शीर्ष अदालत में दावा किया था कि अदाणी पवन ऊर्जा परियोजना को श्रीलंका-भारत के बीच सरकारों के स्तर वाला उद्यम मानने का मंत्रिमंडल का फैसला अवैध था और इससे प्रवासी पक्षियों को भारी नुकसान होगा, जिससे पर्यावरणीय खतरे पैदा होंगे।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने, मंत्रिमंडल और अदाणी समूह को इस याचिका पर प्रारंभिक आपत्तियां दर्ज करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था।

मई में श्रीलंका सरकार ने 484 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजना के विकास के लिए अदाणी ग्रीन एनर्जी के साथ 20-वर्षीय बिजली खरीद समझौते को मंजूरी दी थी।

इन नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में दो पवन ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। उत्तर-पूर्वी जिले मन्नार में 250 मेगावाट की बिजली परियोजना के अलावा उत्तर में पूनरीन में 234 मेगावाट की परियोजना लगाई जाएगी। इसके लिए कुल 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जाना है।

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