चंडीगढ़, 26 दिसंबर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की शनिवार को फिर से मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
हरियाणा में विपक्ष के नेता हुड्डा ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘सरकार ने जनता का और कई विधायकों का समर्थन खो दिया है। ’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘ उन्होंने राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया है क्योंकि सरकार अविश्वास प्रस्ताव को टालने के लिए सदन का सत्र नहीं चाहती है।’’
उन्होंने दावा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहले कहा था कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की जरूरत नहीं है और विपक्ष के पास उठाने के लिए कोई खास मुद्दा नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा, ‘‘आज राज्य के किसान हरियाणा में सभी जगह सड़कों पर और दिल्ली से लगी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे एक प्रदर्शनकारी की प्रतिदिन कड़ाके की ठंड के चलते मौत हो रही है। ऐसी स्थिति में, हम पूछते हैं कि क्या राज्य सरकार किसानों के इस तरह के बड़े आंदोलन को एक एक मुद्दा नहीं मानती है? ’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या सरकार किसानों की शहादत को एक ऐसा मुद्दा नहीं मानती है जिस पर चर्चा की जा सके? सरकार के लिए इससे और बड़ा मुद्दा क्या हो सकता है? ’’
हुड्डा ने राज्य विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के अपने रुख को दोहराते हुए कहा, ‘‘कई निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।’’
दो निर्दलीय विधायकों--सोमबीर सांगवान और बलराज कुंडू--ने राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लिया है, जबकि जननायक जनता पार्टी (जजपा) के 10 विधायकों में से कई केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के समर्थन में खुल कर सामने आए हैं।
हुड्डा ने कहा, ‘‘किसानों और सरकार के बीच लड़ाई में, गठबंधन साझेदार जजपा के कई विधायकों ने किसानों के समर्थन में बोला है। यह स्पष्ट है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने न सिर्फ जनता का, बल्कि अपने विधायकों का भी समर्थन खो दिया है। ’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘यदि विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो (गठबंधन) सरकार में शामिल सहयोगी दल के विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे। यही कारण है कि हमने राज्यपाल से विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। ’’
हाल ही में हुड्डा ने दावा किया था कि कुछ विधायक सरकार के खिलाफ बयान देकर और साथ ही सरकार का समर्थन जारी रखते हुए ‘दोहरी भूमिका’ निभा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि खट्टर सरकार को 90 सदस्यीय विधानसभा में अभी स्पष्ट बहुमत हासिल है।
भाजपा के 40 विधायक हैं, जबकि इसके सहयोगी दल जजपा के 10 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस के 31 विधायक हैं , जबकि इंडिनयन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक हैं।
सात सदस्य निर्दलीय हैं, जिनमें ऊर्जा मंत्री रंजीत सिंह चौटाला सहित पांच विधायक मौजूदा सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
दिल्ली से लगी सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान करीब एक महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे केंद्र के नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारी किसानों में से ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हैं।
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